मप्र में आरंभ होगा कोई नहीं रहेगा बेरोजगार, सबको मिलेगा रोजगार अभियान

भोपाल,केंद्र सरकार के 20 लाख करोड़ के पैकेज के क्रियान्वयन के लिए ब्लूप्रिंट तैयार करने वाला मप्र पहला राज्य बन गया है। प्रदेश सरकार द्वारा तैयार किए गए ब्लूप्रिंट के अनुसार प्रदेश में 22 मई से कोई नहीं रहेगा बेरोजगार सबको मिलेगा रोजगार अभियान आरंभ किया जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान इसकी शुरुआत करेंगे। इसके तहत प्रवासी मजदूरों के मनरेगा के तहत जॉब कार्ड बनाए जाएंगे। सरकार ने तय किया है कि मनरेगा में मंदिर सरोवर, मंदिर उद्यान और मंदिर गौशाला भी बनेगी। गौशाला का संचालन मंदिर द्वारा किया जाएगा।
मंगलवार को मुख्यमंत्री ने मंत्रालय में मंत्रि-परिषद के सदस्यों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ भारत सरकार द्वारा घोषित पैकेज आत्मनिर्भर भारत अभियान और आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश संदर्भ में चर्चा की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारत सरकार द्वारा घोषित आर्थिक निर्भरता पैकेज का लाभ प्रदेश में सुनिश्चित करने के लिए तैयारियां तत्काल करने के निर्देश दिए हैं। मनरेगा, शहरी पथ विक्रेता और छोटे उद्योगों के लिए पैकेज में महत्वपूर्ण रियायतें और योजनाएं घोषित की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार द्वारा शहरी पथ विक्रेताओं को ऋण और क्रियाशील पूंजी उपलब्ध करवाने की योजना में नगर निगम सीमा के पथ विक्रेताओं के साथ ही प्रदेश के सभी नगरीय निकाय क्षेत्रों में कार्यरत पथ विक्रेताओं को लाभान्वित किया जाए। योजना में हितग्राही को ऋण उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए 10 हजार रुपए की पूंजी दी जाएगी।
हर जरूरतमंद को मिले काम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में इस समय जरूरतमंद श्रमिकों को काम की आवश्यकता है, जिससे उनकी रोजी-रोटी का ठीक से प्रबंध हो सके। इस उद्देश्य से गौशाला निर्माण, मंदिर सरोवर, मंदिर उद्यान के अधिकाधिक कार्य मनरेगा के अन्तर्गत लिए जायें। मंदिर गौशाला के कार्यो को प्राथमिकता दी जाये। इसके लिए ग्रामीण विकास और पशुपालन विभाग संयुक्त रूप से कार्यवाही करें। उन्होंने निर्देश दिए कि मनरेगा के अन्तर्गत ऐसी संरचनाएं निर्मित की जाएं जिनमें बारिश में भी कार्य संभव हो सकें। हर जरूरतमंद को कार्य मिले। इन कार्यों में मशीनों का प्रयोग न किया जाए। इसके साथ ही स्थायी प्रभाव वाले कार्य संम्पन्न हों। स्टाप डेम, चेक डेम, सरोवर निर्माण, खेत तालाब, मेड़ बन्धान, नंदन फलोद्यान जैसे कार्य करवाये जायें। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि, स्थानीय श्रमिकों के साथ ही बाहर के श्रमिकों को भी जॉब कार्ड प्रदान किये जायें।
मनरेगा बना मजदूरों का सहारा
पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव मनोज श्रीवास्तव ने प्रजेंटेशन में बताया कि प्रदेश में वर्तमान में 20 लाख से अधिक श्रमिकों को मनरेगा कार्यो से रोजगार का बड़ा सहारा मिल रहा है। यहां तक कि साढ़े सत्रह हजार दिव्यांग भी कार्यो से जुड़े हैं। प्रति ग्राम पंचायत औसतन 90 श्रमिक काम कर रहे हैं। प्रदेश में गत वर्ष मई माह में करीब 10 लाख श्रमिक ही मनरेगा कार्यों से जुड़े थे। इस वर्ष इनकी संख्या बढ़कर 20 लाख अर्थात दोगुनी हो गई है।

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