जम्मू-कश्मीर में नया डोमिसाइल ऐक्ट लागू किया गया

श्रीनगर, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में नया डोमिसाइल ऐक्ट लागू हो गया है। सरकार की ओर से जारी नोटिफिकेशन के अनुसार, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन आदेश 2020 में सेक्शन 3ए जोड़ा गया है। इसके तहत राज्य/यूटी के निवासी होने की परिभाषा तय की गई है। नए डोमिसाइल नियमों के अनुसार, कोई व्यक्ति जो जम्मू-कश्मीर में कम से कम 15 साल रहा है और 10वीं या 12वीं की परीक्षा यहां के किसी संस्थान से पास कर चुका है, तो वह जम्मू-कश्मीर का निवासी कहलाने का हकदार होगा।
जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने नए डोमिसाइल सर्टिफिकेट (प्रोसीजर) रूल्स 2020 को लागू कर दिया है। इसी के साथ प्रदेश में स्थानीय नागरिक प्रमाण पत्र (पीआरसी) की जगह डोमिसाइल सर्टिफिकेट जारी करने के लिए 15 दिन का समय निर्धारित किया गया है। पश्चिमी पाकिस्तानी शरणार्थी, सफाई कर्मचारी और दूसरे राज्यों में शादी करने वाली महिलाओं के बच्चे भी अब डोमिसाइल के हकदार होंगे। इन सभी के लिए 15 वर्ष तक प्रदेश में रहने समेत अन्य श्रेणी की अनिवार्यता के नियम लागू होंगे।
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर में डोमिसाइल के नए नियमों को अधिसूचित किए जाने का स्वागत किया है। पार्टी अध्यक्ष जे पी नड्डा ने कहा है कि ये नए नियम सभी शरणार्थियों के साथ राज्य से बाहर रह रहे कश्मीरी पंडितों को भी उनके अधिकार दिलाएगा। जम्मू-कश्मीर प्रशासन की तरफ से सोमवार को जारी नए नियमों के तहत पश्चिम पाकिस्तान के लोगों, बाल्मीकियों, समुदाय के बाहर शादी करने वाली महिलाओं, गैर-पंजीकृत कश्मीरी प्रवासियों और विस्थापित लोगों को जल्द ही आवास अधिकार मिल जाएंगे।
नैशनल कॉन्फ्रेंस के प्रवक्ता ने कहा कि नए डोमिसाइल नियमों को जिस जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन ऐक्ट 2019 के तहत लागू किया गया है, उसकी वैधता को सुप्रीम कोर्ट में कई याचिकाओं में चुनौती दी गई है। पार्टी ने कहा कि इस विभाजनकारी नियम को स्वीकार नहीं किया जा सकता है क्योंकि इसका मकसद ही घाटी में आबादी के संतुलन को बिगाड़ना है। पीडीपी भी राज्य इस ऐक्ट का विरोध कर रही है। अब पाकिस्तान से भी इस ऐक्ट के खिलाफ विरोध के सुर उभरने लगे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *