लॉक डाउन 3 के अंतिम चरण में हजारों मजदूरों को उनके घर वापस भेजा जा रहा

बड़वानी, मप्र महारास्ट्र की सीमा बिजासन पर लॉक डाउन के चलते प्रतिदिन हजारों प्रवासी मजदूर अपने वतन लौटने के लिए पहुच रहे थे, यूपी, बिहार, राजस्थान जाने वाले ये मजदूर कई तो अपने वाहनों से जा रहे है वही सबसे ज्यादा परेशानी पैदल ओर सायकलों से आने वाले मजदूरो को उठाना पड़ रही हैं शुरुआती दौर में ये मजदूर खासी परेशानी से यहाँ तक पहुचे ओर अपने घर के लिए उतनी ही मशक्कत से पहुचे ,वही अब ये सफर आसान हो गया है मप्र सरकार द्वारा इन प्रवासी मजदूरो के लिए बसों के इंतजाम किए है इन बसों के माध्यम से हजारों मजदूरो को अपने गंतव्य तक पहुचाने का सिलसिला जारी है ,बीते 4 दिनों से आने वाले मजदूरो को यहां पहुचने के तत्काल बाद बसे मुहैया करवा रहे है जिससे ये अब सुगमता से अपने घर जा रहे हैं, महाराष्ट्र से महाराष्ट्र सरकार द्वारा बसों के माध्यम से मप्र की सीमा में बिजासन लाकर छोड़ा जा रहा है जहाँ से ये अपने आगे के सफर के लिए रवाना हो रहे हैं।
शुरुआत में मजदूरो को यूपी कि सीमा में प्रवेश नही दिया जा रहा था जिसके चलते यहां हजारो मजदूरो को रोका जा रहा था जिससे कई बार हंगामे की स्थिति निर्मित हुई बाद में सरकार की रजामंदी से मजदूरो को अपने राज्य में प्रवेश मिलने से इनकी राह आसान हो गई है अब जितने मजदूर यहां पहुच रहे है सभी को यहां से देवास ओर वहां से आगे विभिन्न बसों के माध्यम से अपने गंतव्य तक भेजा जा रहा है।
अब तक जहा मजदूरो का हुजूम नजर आता था अब वहां सिर्फ बसे दिखाई देती हैं अभी तक कुल 650 बसों ओर अन्य वाहनों के माध्यम से 25000 मजदूरो को यहां से आगे मप्र सरकार द्वारा भेजा गया ,इन प्रवासी मजदूरो का कहना है कि इन्हें यहां पहुचने के बाद अब विश्वास है कि हम अब घर तक पहुच ही जायेंगे और यहां मजदूरो को बिजासन मन्दिर सेवा समिति ट्रस्ट द्वारा भरपेट भोजन मिल रहा है जो इनको रास्ते मे महाराष्ट्र में कही नसीब नही हुआ।
अब भी सीमा पर प्रवासी मजदुरों का पहुचने का सिलसिला बदस्तूर जारी है जिनको ये आशा और भरोसा है कि यहां से वे अपने घर पहुच जाएंगे,मजदूर तो यहां अब भी आ रहे हैं परंतु उनकी संख्या में भी कमी आई है और बसों की प्रचुर मात्रा के चलते यहां भीड़ नही लग पा रही है,पहले बसों में भरने से पहले मजदूरो को इकट्ठा किया जाता था और रात में बसे नही भेजी जाती है जो अब मजदूरो को इकट्ठा नही करते हुए आते ही आगे बसों के माध्यम से भेजा जा रहा जिसके कारण यहां मजदूरो की भीड़ इकट्ठा नही हो रही है।

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