भोपाल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि कोरोना से पैदा संकट के कारण अर्थव्यवस्था पर पड़े दुष्प्रभाव कम करने के लिए विकास के नए मॉडल को अपनाकर कार्य किया जाएगा। यह मॉडल स्वदेशी आधारित स्वावलंबन की राह दिखाने वाला मॉडल होगा। इससे लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में सहयोग मिलेगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने आर्थिक क्षेत्र में सुधार के लिए जो पैकेज घोषित किए हैं, उनका लाभ लेते हुए मध्यप्रदेश फिर से विकास की राह पर तीव्र गति से आगे बढ़ेगा। सभी व्यवस्थाएं फिर पुख्ता होंगी। जीवन और कार्य की शैली में जरुर कुछ बदलाव करना होंगे। मुख्यमंत्री श्री चौहान आज राष्ट्रीय मीडिया संस्थानों के प्रतिनिधियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग द्वारा चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने लॉक डाउन-4 के संबंध में भी प्रतिनिधियों से चर्चा की। चर्चा के दौरान विनय सहस्त्रबुद्धे ने समन्वय किया। वीरेन्द्र सचदेव ने आभार व्यक्त किया।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि कोरोना एक चुनौती भी है और अवसर भी। वैश्विक नेता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस तरह लॉक डाउन घोषित करने से लेकर कोरोना के नियंत्रण के लिए कार्य कर दिखाया है उससे उनकी दक्षता, प्रामाणिकता और संकल्प की जानकारी मिलती है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी ने राज्यों के साथ समन्वय स्थापित कर संघीय ढांचे का सम्मान करते हुए मुख्यमंत्रियों से परामर्श किया है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि मध्य प्रदेश दीर्घकालिक योजना तैयार कर कोरोना वायरस से उत्पन्न दुष्प्रभावों को कम करने का प्रयास करेगा। एक दीर्घकालिक नीति के निर्माण और लोकल को वोकल बनाने के लिए भी मध्यप्रदेश एक ड्राफ्ट तैयार कर रहा है।
बदहाल स्थिति से निकालकर संभाला राज्य को
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि जब उन्होंने 23 मार्च 2020 को रात्रि 9 बजे मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। रात्रि दस बजे वल्लभ भवन जाकर राज्य में कोरोना नियंत्रण के संबंध में स्थिति जानी। स्थिति काफी बदहाल थी। स्थिति को संभालने में थोड़ा सा वक्त लगा लेकिन सफलता मिली। डेडीकेटेड अस्पतालों की व्यवस्था की गई। उस वक्त राज्य में सिर्फ एक टेस्टिंग लैब थी। आज 15 टेस्टिंग लैब के साथ प्रतिदिन 6 हजार टेस्ट की क्षमता विकसित हो रही है। रोगियों के लिए बेड संख्या 83 हजार है जो शीघ्र ही 1 लाख हो जाएगी। प्रवासी श्रमिकों के वजह से भी पॉजिटिव प्रकरण बढ़े हैं लेकिन उपचार और नियंत्रण के प्रयास निरंतर जारी हैं। इसके अलावा सावधानी बरतने का संदेश देने,जागरूकता वृद्धि के कार्य भी लगातार हो रहे हैं। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने बताया कि प्रदेश में आईआईटीटी अर्थात आईडेन्टीफिकेशन, आईसोलेशन, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की नीति अपनाकर कोरोना के नियंत्रण का कार्य सफलतापूर्वक हुआ है।