नई दिल्ली, करीब 13,000 करोड़ रुपये के बैंक धोखाधड़ी मामले में वांछित और भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण पर सोमवार से अगले 5 दिन तक लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट की ओर से केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के आरोपों पर सुनवाई होगी। नीरव मोदी की लंदन के वैंड्सवर्थ जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट के सामने पेशी हो सकती है। कोरोना वायरस महामारी की वजह से ब्रिटेन में भी लॉकडाउन का पालन किया जा रहा है। सीबीआई और ईडी के अधिकारियों का एक दल क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस (सीपीएस) के लगातार संपर्क में है। सीपीएस की ओर से लंदन कोर्ट के सामने भारत का प्रतिनिधित्व किया जा रहा है। फ्लाइट्स बंद होने की वजह से सुनवाई के लिए भारतीय अधिकारी लंदन पहुंचने में असमर्थ थे।
सीबीआई और ईडी ने पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में मुकदमा चलाने के लिए नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पित करने के लिए ब्रिटिश अधिकारियों से आग्रह किया। 49 साल के नीरव मोदी को मार्च, 2019 में गिरफ्तारी के बाद से दक्षिण-पश्चिम लंदन के वैंड्सवर्थ जेल में रखा गया है। प्रॉसिक्यूशन सर्विस के जरिए भारतीय एजेंसियों ने नीरव मोदी के खिलाफ अतिरिक्त आरोपों पर भी जोर दिया है। इन अतिरिक्त आरोपों में गवाहों को डराना-धमकाना और सबूतों को नष्ट करना शामिल है, सीबीआई की ओर से नीरव मोदी के प्रत्यर्पण का आग्रह आपराधिक आरोपों (धोखाधड़ी, आपराधिक साजिश, गवाहों को डराने और सबूतों को नष्ट करने) पर आधारित है। वहीं ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों में ब्रिटिश अधिकारियों से ऐसा अनुरोध किया है।भारतीय एजेंसियों ने आरोप लगाया कि नीरव मोदी के कहने पर उसके सहयोगियों के मोबाइल फोन नष्ट कर दिए गए थे। साथ ही ये भी आरोप है कि नीरव मोदी ने एक गवाह को धमकी दी थी कि अगर वो उसके खिलाफ गया तो उसकी हत्या कर दी जाएगी।नीरव मोदी की जमानत याचिका लंदन की कोर्ट पूर्व में 5 बार खारिज कर चुकी है। भारतीय एजेंसियों को उम्मीद है कि नीरव मोदी के खिलाफ पुख्ता सबूत होने की वजह से उसे भारत प्रत्यर्पित कर दिया जाएगा।