नौगांव,नगर के एक मुस्लिम परिवार के यहां 24 मार्च को होने वाली बेटी की शादी में 20 मार्च को आए बनारस और कानपुर से आए 30 से ज्यादा रिश्तेदार पिछले 43 दिनों से फंसे हुए हैं। न तो लॉकडाउन के कारण शादी हुई और न ही ये लोग घर वापस जा पाए। अनुमति न मिलने के कारण रिश्तेदार घर वापसी के लिए परेशान हो रहे हैं और कोई उनकी मदद नहीं कर पा रहा है। नौगांव के रहने वाले मरहूम मजरुल हसन कुरैशी की पुत्री सविया फातिमा का निकाह प्रयागराज निवासी मरहूम इकराम उल्ला कुरैशी के पुत्र इसान मुहम्मद के साथ 24 मार्च 2020 को होना तय हुआ था। जिसकी तारीख 29 फरवरी को ही तय कर ली गई। 15 मार्च के बाद से घर में रिश्तेदार आना शुरू हो गए। 21 मार्च को मंंडप(मडवा) सजा और शादी (निकाह) की रस्मों में एक रस्म और अदा की गई। लेकिन इसी बीच वैश्विक महामारी के संक्रमण को रोकने के लिए 22 मार्च को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आह्वान पर देश में जनता कर्फ्यू लग गया। फिर 23 मार्च को प्रधानमंत्री के दूसरे संबोधन के बाद 24 मार्च से 21 दिन का लॉकडाउन शुरु हो गया। ऐसे में लड़का व लड़की पक्ष के लोगों ने निकाह की तारीख को आगे बढ़ाने का फैसला लेते हुए लॉक डाउन खुलने का इंतजार शुरु कर दिया। धीरे-धीरे 21 दिन बीत गए, लेकिन इधर अगला लॉक डाउन शुरु हो गया। तो परिवार वालों को निकाह की उम्मीद खत्म होती दिखाई दी और घर रुके रिश्तेदारों का भी सब्र का बांध टूट गया। परिवारों ने तय किया कि अब सब कुछ सामान्य होने पर ही निकाह किया जाएगा। रिश्तेदारों ने वापस जाने का फैसला लिया, लेकिन लॉक डाउन के कारण सभी को एकसाथ जाने की अनुमति नहीं मिली। धीरे-धीरे अनुमति और वापस जाने का रास्ता भी तंग होता गया। जिससे कोई भी वापस नहीं जा पाया है।लड़की के भाई मसर्रत हसन कुरैशी ने बताया की पिछले 43 दिनों से निकाह में शामिल होने आए कानपुर-बनारस के 30 रिश्तेदार बाल-बच्चों के साथ घर पर रुके हैं। जिन्हे वापिस भेजने के लिए अधिकारियों से लेकर नेताओं के चक्कर लगा रहे है लेकिन परमीशन नहीं मिल पा रही है। बाहर से आए रिश्तेदारों में कोई अपने घरों में ताला लगाकर आया है तो कोई अपने परिवार का सदस्य छोड़कर आया है। ऐसे में उन्हें अपने घरों की चिंता सता रही है। उन्हें अपने घर जाने की इजाजत नहीं मिल रही है। ऐसे में बेटी के परिवार के लोग 43 दिनों से अपने परिवार के साथ-साथ रिश्तेदारों सहित पचास लोग एक ही छत के नीचे लॉक डाउन का संकट काट रहे हैं।