श्रीनगर,कश्मीर में सेना के आक्रामक रुख से आतंकियों में खलबली है। लॉकडाउन के बीच भी सेना और सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ बड़ा अभियान छेड़ रखा है। पिछले 1 महीने के दौरान 32 आतंकी मारे जा चुके हैं। हालांकि एक दो घटनाओं में सेना को भी भारी क्षति उठानी पड़ी है, लेकिन इसके बावजूद सुरक्षाबल आतंकियों की कमर तोड़ने में कामयाब रहे हैं। हंदवाड़ा में सैन्य अधिकारियों के मारे जाने के बाद सेना ने अभियान और तेज है। नियंत्रण रेखा और सीमा पर सख्ती के कारण आतंकी घुसपैठ नहीं कर पा रहे हैं। दूसरे, नई भर्ती लगातार घट रही है। पिछले छह महीनों में आतंकी संगठनों की तमामा कोशिशों के बावजद मुश्किल से तीन दर्जन आतंकियों के भर्ती होने की खबर है। इनमें से भी कई मारे जा चुके हैं तथा कई गिरफ्तार किए जा चुके हैं। बता दें कि इस साल अब तक 55 आतंकियों को सेना मार चुकी है। आतंकियों के सफाये के खिलाफ सुरक्षाबलों का सयुक्त अभियान चल रहा है। इसका नतीजा यह है कि पिछले 24 घंटों के दौरान बेघपोरा और पुलवामा में दो अगल-अलग स्थानों पर चार आतंकी मारे गए हैं। इससे पूर्व हंदवाड़ा और रामपुर सेक्टर में हुई मुठभेड़ों में भी चार आतंकी मारे गए थे। पिछले महीने कश्मीर में सेना एवं सुरक्षाबलों ने कुल 28 आतंकी मारे थे। जम्मू-कश्मीर के डीजीपी के हालिया बयान के अनुसार कश्मीर में करीब 250 आतंकी सक्रिय। हालांकि कई मारे जा चुके हैं, लेकिन अभी भी दो सौ से अधिक आतंकी सुरक्षा बलों के लिए चुनौती बने हुए हैं। सुरक्षा बलों के निशाने पर यही आतंकी हैं। सेना एवं सुरक्षा बलों की तरफ से यह भी कोशिश हो रही है कि बुधवार को मारे गए रियाज नायकू जैसे आतंकियों को स्थानीय स्तर पर महिमामंडित नहीं होने दिया जाए। ऐसे आतंकियों के मारे जाने पर भी सुरक्षा बलों को नुकसान होता है, क्योंकि वह मरकर भी बुरहान वानी जैसी छवि बनाकर युवाओं को गुमराह करते हैं।