आगरा में महिला सिपाही की कोरोना से मौत, मामले बढ़कर 667 हुए

आगरा,आगरा में एक महिला सिपाही की कोरोना वायरस से मौत हो गई है। बताया गया कि महिला सिपाही ने पांच दिन पहले ही एक बच्चे को जन्म दिया है। बच्‍चे के आने की खुशी पूरा परिवार मना रहा था। मगर, इसी दौरान कि महिला सिपाही के ससुर की मौत हो गई। फि‍र ससुर की मौत के दूसरे दिन ही महिला सिपाही की तबीयत खराब हुई और उनकी मौत गई। जांच रिपोर्ट में महिला सिपाही कोरोना पॉजिटिव मिली। बताया गया कि यह महिला सिपाही कानपुर के बिल्हौर में तैनात थी। गर्भावस्था के दौरान वह ड्यूटी कर रही थीं। वह 2 अप्रैल को डिलीवरी के लिए छुट्टी लेकर आगरा में अपने घर ककरेठा के ईश्वर नगर पहुंची थीं। यहां पांच दिन पहले उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उन्होंने एक स्वस्थ्य बच्चे को जन्म दिया। महिला सिपाही की सामान्य डिलीवरी हुई थी इसलिए उन्हें तीन दिन बाद ही अस्पताल से छुट्टी दे दी गई। छुट्टी से पहले डॉक्टरों एहतियातन महिला सिपाही की सैंपल लेकर कोरोना जांच कि लिए भेजा था। बुधवार की सुबह अचानक महिला सिपाही की तबीयत खराब हो गई। घरवाले उन्हें लेकर अस्पताल पहुंचे। आरोप है कि कई अस्पतालों ने उन्हें भर्ती करने से इनकार कर दिया। घरवालों ने कहा कि किसी अस्पताल में इलाज नहीं मिलने से महिला सिपाही की गाड़ी में ही मौत हो गई। घरवालों ने बताया कि महिला सिपाही की मौत होने के कुछ ही देर बाद स्वास्थ्य विभाग का फोन आया कि वह कोरोना पॉजिटिव आई हैं इसलिए टीम उन्हें लेने आ रही है। घरवालों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम को महिला सिपाही के निधन की सूचना दी। बताया गया कि महिला सिपाही की मौत से सदमे में आए परिवार को उनके कोरोना पॉजिटिव होने का दूसरा झटका लगा। घर आकर उन लोगों ने महिला सिपाही का शव कार से बाहर नहीं निकाला। घरवालों का आरोप है कि वे लोग स्वास्थ्य विभाग की टीम का इंतजार करने लगे। इस दौरान महिला सिपाही का शव कार में ही पड़ा रहा और वे लोग भी दूर शव से अलग बैठे रहे, मगर लगभग पांच घंटे तक टीम नहीं आई। फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है।
उधर, आगरा में अब कोविड-19 मामलों की संख्या 667 हो गई है। वहीं शहर में मरीजों के ठीक होने का प्रतिशत 38 फीसदी है। यहां अब तक 269 लोग ठीक हो चुके हैं लेकिन यहां 42 हॉट स्पॉट में सक्रिय मामलों की संख्या 398 है। बताया जाता है कि कोविड पॉजिटिव कैदी, हत्या के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहा था। उसे बुखार की शिकायत के बाद एसएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था। बाद में उसका कोरोना परीक्षण किया गया जो पॉजिटिव आया। अब जेल प्रशासन ने बड़ी संख्या में कैदियों को तुरंत छोड़ने का फैसला किया है।

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