ठेकेदारों संग सुलह के बाद शराब दुकानों के शटर उठे

भोपाल,दो दिन से जारी तकरार के बाद आखिरकार मध्य प्रदेश में शराब की दुकानों के शटर उठने शुरू हो गए हैं। शराब ठेकेदारों और सरकार के बीच बुधवार हुई बातचीत में सहमति बन गयी है। सरकार ने ठेकेदारों की मांग पर तीन-चार दिन में विचार करने का आश्वासन दिया जिसके बाद ठेकेदारों ने अनुमति प्राप्त इलाकों में महीना भर से बंद पड़ी अपनी दुकानें खोलने का ऐलान कर दिया। ठेकेदार एक्साइड ड्यूटी में छूट देने की मांग कर रहे हैं। फिलहाल लॉक डाउन के कारण फिलहाल सिर्फ ग्रीन जोन की दुकानें और ऑरेंज जोन में कंटेनमेंट एरिया के बाहर की दुकानें खोलने की छूट सरकार ने दी है।
ठेकेदारों की ये है मांग
शराब ठेकेदारों ने सरकार से इस बात की मांग की थी कि जितना माल बेचा जाए उतनी ही ड्यूटी लगाई जाए। साथ बीते 2 महीने में जो नुकसान हुआ है उसके कोटे से उन्हें बंधन मुक्त किया जाए। इन तमाम मांगों पर सरकार और लॉबी के बीच वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में विचार हुआ। सरकार का आश्वासन मिलते ही ठेकेदारों ने अनुमति वाले सभी इलाकों में तत्काल शराब की दुकानें खोलने का ऐलान कर दिया।
ठेकेदारों के सुझाव
ठेकेदारों ने आबकारी विभाग के अपर मुख्य सचिव और आयुक्त से चर्चा में कहा कि शराब दुकानों से जितनी शराब बिके, सरकार ठेकेदार से उतना ही पैसा ले। इनकी ओर से यह भी सुझाव दिया गया कि वर्ष 2020 -21 में 25 प्रतिशत अधिक बोली लगाई गई है। इसे चालू साल में वापस लिया जाए और वर्ष 2019-20 की लाइसेंस फीस पर शराब बिक्री की अनुमति दी जाए। इसके बाद 2021 -22 में शराब का ठेका 2 साल के लिए दे दिया जाए और उसमें 25 प्रतिशत या जो भी सरकार बढ़ोतरी करना चाहे वह कर सकती है। ठेकेदारों के ओर से यह भी कहा गया कि जो ठेकेदार दुकान चलाने की स्थिति में नहीं हैं, उन्हें ठेका छोडऩे की अनुमति दी जाए। शराब दुकान खोलने पर शराब की खेप ले जाने और कर्मचारियों के आने-जाने के लिए पास बनाने की अनुमति आबकारी विभाग को दी जाए।
सरकारी आश्वासन
बताया जा रहा है कि आर्थिक मुद्दों से जुड़ी मांगों पर अफसरों ने मंत्रालय में चर्चा के बाद ही फैसला लेने की बात कही है। साथ ही आश्वस्त किया है कि ठेकेदारों के हित में उचित फैसला लिया जाएगा।
भोपाल की सीमाओं पर आबकारी उप निरीक्षकों की ड्यूटी
कोरोना संक्रमण के कारण बीते सप्ताह से जिले की सभी शराब दुकानें बंद हैं। इसके बाद भी शहर में धड़ल्ले से अवैध शराब बिक्री का काम चल रहा है। आबकारी और पुलिस प्रशासन आए दिन अवैध शराब परिवहन और बेचने वालों पर कार्रवाई कर रही है। शासन के निर्देश पर बुधवार से प्रदेश में शराब दुकानें खोलने के आदेश जारी किए हैं। चूंकि राजधानी में बढ़ते कोरोना मरीज और संक्रमण को देखते हुए इसे रेड जोन में रखा गया है। इस कारण जिले में शराब दुकानें खोलने की अनुमति नहीं है। लेकिन भोपाल के आसपास के जिलों में शराब दुकान खुल रही है। ऐसे में अवैध शराब बिक्री को लेकर आबकारी विभाग अभी से सजग हो गया है। सूत्रों की मानें तो कई जगह पर पुलिस की सांठगांठ से शराब शहर के अंदर आ रही है। इस कारण सहायक आबकारी आयुक्त भोपाल ने जिले की सीमाओं में आबकारी विभाग के उप निरीक्षकों की ड्यूटी शहर की सीमाओं में लगा दी है। जिले की 13 उप निरीक्षकों की ड्यूटी 11 चैक पोस्ट में लगाई गई है। जिले की सीमा से पास बनाए गए चैक पोस्ट (पुलिस नाका) सूखी सेवानियां, रातीबड़, श्मसाबाद जोड़, कटारा बायपास, परवलिया तिराहा, समरधा बार्डर-11 मील, नजीराबाद, कोलार, बिलखिरिया, फंदा टोल नाका और बंगरसिया नाकों पर उप निरीक्षकों को तैनात किया गया है। हालांकि अमले की कमी के कारण अब शहर में आबकारी विभाग की छापामार कार्रवाई में परेशानी आएगी।
इंदौर में सीमा पर 13 टीमें तैनात
इंदौर में शराब तस्करी को लेकर भी आबकारी विभाग ने अपनी तैयारी कर ली है। विभाग द्वारा शहर के 13 प्रमुख पॉइंट पर विशेष चेकिंग दल तैनात किए गए हैं। यह दल इंदौर में आने वाली अवैध शराब पर नजर रखेंगे और वाहनों की सख्ती से चेकिंग की जाएगी। आबकारी अधिकारियों के मुताबिक शहर के आउटर इलाके में अरविंदो के आगे टोल नाका, शिप्रा नाका, 9 मील नाका, मांगलिया नाका, गांधीनगर यशवंत सागर और बेटमा नाका। इसके अलावा राऊ टोल नाका आईआईएम, विशाल चौराहा, आईसर चौराहा, पीथमपुर, काली बिल्लौद घाटा, बिल्लौद आदि अन्य नाकों पर विशेष टीमें अवैध रूप से इंदौर में लाई जाने वाली शराब पर नजर रखेंगी। यह आदेश इंदौर जिले में 17 मई तक लागू रहेगा।

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