नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर लागू विशेष उत्पाद शुल्क में 10 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर की भारी वृद्धि करने का एलान किया है। केंद्र के इस फैसले के कुछ ही घंटे पहले दिल्ली, पंजाब और उत्तरप्रदेश की सरकार ने पेट्रोल व डीजल पर वैट की दरों में वृद्धि करने का फैसला किया है जिससे इन राज्यों में पेट्रोल डीजल के दामों में भारी वृद्धि हुई है। अन्य राज्य भी इसका अनुसरण कर सकते हैं. इससे डीजल 7 रुपये और पेट्रोल 2 रुपये प्रति लीटर तक महंगा हो सकता है। इसी तर्ज़ पर सोमवार से लागू आदेश के तहत दिल्ली में डीजल पर वैट मौजूदा 16.75% से बढ़ाकर 30% और पेट्रोल पर 27% की जगह 30% कर दिया गया है। इससे डीजल 7.10 रुपये और पेट्रोल 1.67 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया।
केंद्र की तरफ से की गई शुल्क वृद्धि 6 मई, 2020 से लागू मानी जाएगी। पेट्रोल और डीजल पर लगने वाले टैक्स से केंद्र और राज्यों को सबसे ज्यादा रेवेन्यू मिलता है।
जहां तक टैक्स से कमाई की बात है तो केंद्र और राज्य की सरकारें एक्साइज ड्यूटी, वैट, डीलर कमीशन के अलावा अन्य उपकर भी लगाती हैं। ऐसे में तेल की कीमतों लगभग दोगुनी और उससे भी ज्यादा हो जाती हैं। दिल्ली में डीलर्स 18.28 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल के लिए देते हैं। इसमें बेस प्राइज शामिल है। इसके बाद इस पर एक्साइज ड्यूटी, वैट, डीलर कमीशन लगाने के बाद यह बढ़कर 71.26 रुपए प्रति लीटर हो जाता है। यह 6 मई को दिल्ली में पेट्रोल के दाम हैं। इसी तरह डीजल की बात करें तो डीलर्स इसे 18.78 रुपए प्रति लीटर में खरीदते हैं जबकि बिकता 69.39 रुपए प्रति लीटर है। 2017 में लंबे विचार विमर्श के बाद केंद्र ने डायनामिक फ्यूल प्राइजिंग पेश की थी। इसके बाद देश में रोजाना कीमतों की समीक्षा होता है और उस हिसाब से यह बढ़ती और घटती हैं।
डीजल और पेट्रोल पर वैट से दिल्ली सरकार को हर महीने औसतन 400 करोड़ रुपये आते हैं और इस इजाफे से उसे मासिक 150 करोड़ रुपये अतिरिक्त आने की उम्मीद है। हालांकि वैट बढ़ोतरी के बाद दिल्ली में यूपी और हरियाणा के मुकाबले डीजल करीब 6 से 6.5 रुपये महंगा हो गया है। ऐसे में दिल्ली की बिक्री में भारी गिरावट आ सकती है।