नई दिल्ली, केंद्र सरकार ने 1 जनवरी 2004 के बाद सेवा में आए अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों सहित सभी अधिकारियों और कर्मचारियों की पेंशन स्कीम में सरकार की हिस्सेदारी 14 फ़ीसदी से घटाकर 10 फ़ीसदी कर दी है। इससे अधिकारियों और कर्मचारियों को 4 फ़ीसदी का नुकसान होगा।
केंद्र सरकार के 15 लाख अधिकारियों और कर्मचारियों पर इसका प्रभाव पड़ेगा। वहीं केंद्र सरकार के इस निर्णय से राज्य सरकारों के लाखों कर्मचारियों को भी आर्थिक नुकसान होगा। कोरोनावायरस संकट से केंद्र एवं राज्य सरकारों की आर्थिक व्यवस्था बुरी तरह से गड़बड़ा गई है, जिसके कारण केंद्र सरकार लगातार वेतन, पेंशन कटौती तथा अब नई पेंशन स्कीम के कर्मचारियों को भी कटौती के दायरे में लाया गया है। केंद्र सरकार के इस फैसले के बाद अब राज्य सरकारें भी केंद्र के फैसले पर अमल करेंगी।
नई पेंशन स्कीम में सरकार 14 फ़ीसदी की हिस्सेदारी करती थी वहीं कर्मचारी 10 फीसदी की हिस्सेदारी करता था अब दोनों की हिस्सेदारी 20 फ़ीसदी हो जाएगी। इससे कर्मचारियों को उनके वेतन के हिसाब से हर माह भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। उदाहरण के तौर पर जिस कर्मचारी की तनखा 50000 रुपया मासिक है। 10 फीसदी के हिसाब से अभी उसके 5000 रुपये तथा सरकार 7000 रुपये का अंशदान देती थी। अब यह 5000 रुपया हो जाएगा। कर्मचारी को 2000 रुपया प्रति माह का नुकसान होगा। 2004 के बाद जो भी अधिकारी और कर्मचारी केंद्र एवं राज्य की सेवाओं में आए हैं इसके साथ ही सभी स्वास्थ्य संस्थाओं फिर अधिकारियों और कर्मचारियों पर इसका असर उनके वेतन के अनुसार होगा।