नई दिल्ली,लॉकडाउन की वजह से देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए लाखों मजदूरों को घर लाने का काम शुरू हो गया है। केंद्रीय गृह मंत्रालय की इजाजत मिलने के बाद अलग-अलग सरकारें अपने राज्य के मजदूरों को वापस लाने में जुटी हैं। तेलंगाना के लिंगमपेल्ली में फंसे मजदूरों को लाने के लिए एक स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की गई, जो कि आज रात को झारखंड पहुंचेगी। इसके बीच तेलंगाना से झारखंड के लिए चली इस ट्रेन में मजदूरों को लाया जा रहा है। शुक्रवार सुबह 5 बजे तेलंगाना के लिंगमपेल्ली से ये ट्रेन चली, जो आज रात को 11 बजे झारखंड के हतिया पहुंचेगी। इस ट्रेन में कुल 24 कोच हैं, ऐसे में उम्मीद लगाई जा रही है कि बड़ी संख्या में मजदूर वापस पहुंचेंगे। लॉकडाउन की वजह से प्रवासी मजदूर और छात्र देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हैं। मगर इस बीच सबसे बड़ी खबर ये है कि लॉकडाउन में फंसे मजदूरों के लिए रेलवे ने पहली ट्रेन रवाना कर दी है। लॉकडाउन में फंसे 1200 मजदूरों को लेकर तेलंगाना से झारखंड के लिए पहली स्पेशल ट्रेन आज यानी शुक्रवार को रवाना हो गई।
रेलवे सुरक्षा बल के महानिदेशक अरुण कुमार का कहना है कि इस स्पेशल ट्रेन के 24 डिब्बों में लगभग 1200 प्रवासी हैं। अधिक ट्रेनें चलाई जाएंगी या नहीं, इस पर निर्णय आज लिया जाएगा।
उन्होंने बताया कि ट्रेन आज सुबह 4:50 बजे तेलंगाना के लिंगरपल्ली से खुली है, जो झारखंड के हटिया जा रही है।
गौरतलब है कि कई राज्य सरकारों की ओर से केंद्र से अपील की गई है कि मजदूरों को वापस लाने के लिए स्पेशल ट्रेन की व्यवस्था की जाए। इस स्पेशल ट्रेन पर रेल मंत्रालय का कहना है कि राज्य सरकार की अपील पर इसे चलाया गया है। जिसमें सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है। ये सिर्फ इकलौती ट्रेन थी, जिसे चलाया गया है। आगे अगर कोई ट्रेन चलती है तो राज्य सरकार और रेल मंत्रालय के निर्देश के बाद ही चलेगी। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मजदूरों की वापसी के लिए स्पेशल ट्रेन चलाने की मांग को लेकर रेलमंत्री पीयूष गोयल से बात की थी। सीएम ने रेलमंत्री से कहा कि राज्यों को विशेष ट्रेनों की जरूरत होगी ताकि दूसरे राज्यों में फंसे छात्रों, प्रवासी मजदूरों को वापस लाया जा सके। राज्य सरकार के अनुसार झारखंड के तकरीबन 9 लाख लोग दूसरे राज्यों में फंसे हैं, जिसमे से 6.43 लाख प्रवासी मजदूर हैं और बाकी लोग नौकरी व अन्य काम के वजह से हैं।