नई दिल्ली,अक्सर आपने यह देखा होगा कि नवजात शिशु किसी वजह से डर जाते हैं या घबरा कर उठ जाते हैं हालाँकि, यह समस्या न केवल नवजात में बल्कि एक साल या उससे अधिक उम्र के बच्चों में भी देखने को मिलती है क्योंकि, कुछ चीज़ें ऐसी हैं जिससे कि उन्हें डर लगता है। ऐसे में, निचे कुछ बातें बताई जा रही हैं, जिनको हर अभिभावकों को ध्यान में रखना चाहिए, जिनमें निम्न शामिल हैं-
यह समस्या ज्यादातर नवजात शिशु में अधिक देखने को मिलती है, क्योंकि वह सोने के दौरान अचानक से हैरान होक कर उठ जाते हैं। इतना ही नहीं वह रोना भी शुरू कर देते हैं। वहीं जो बच्चे थोड़े बड़े होते हैं उनमें भी यह समस्या देखने को मिलती है, क्योंकि वह अपनी कल्पना को नींद के जरिए ही देखते हैं, जिसमें कुछ अच्छे सपने भी होते हैं और कुछ बुरे सपने भी होते हैं।
बच्चे को सबसे ज्यादा डर अंधेरे से लगता है। कुछ पेरेंट्स ऐसे भी होते हैं जो अपने बच्चे को शांत करवाने के लिए या अपनी बातों को मनवाने के लिए अँधेरे का सहारा लेते हैं, जो कि बहुत गलत है। क्योंकि, इससे बच्चे काफी डर जाते हैं, जिसका असर बच्चे पर बहुत बुरा होता है। ऐसे में, अपने बच्चे में इस डर को दूर करने की कोशिश करें।
जब बारिस का मौसम होता है, और खासकर जब बिजली कड़कने की आवाज आती है तो बच्चे डर कर उठ जाते हैं। कुछ बच्चे तो ऐसे होते हैं कि इसके आवाज को सुनकर रोने लगते हैं। ऐसे में, आप अपने बच्चे को इसके बारे में बताएं कि इसमें घबराने की कोई बात नहीं है, और उन्हें शांत रखने की कोशिश करें।
हालाँकि, यह सच है कि बच्चे उन लोगों के पास ज्यादा कम्फर्टेबल होते हैं, जिन्हें वह जानते हैं। लेकिन, जैसे ही आप उन्हें अपने किसी दोस्त या रिश्तेदार से मिलाते हैं तो वह बहुत असहज महसूस करते हैं, और कभी-कभी उन्हें देख कर रोने लगते हैं। ऐसे में, आप अपने बच्चे को थोड़ा जानने का समय दें ताकि वह उनके साथ घुल-मिल सके।
बच्चे सबसे ज्यादा सुरक्षित अपने पेरेंट्स के साथ महसूस करते हैं। क्योंकि, वह बचपन से ही उनके साथ रहते हैं, इसलिए जब भी आप अपने बच्चे से थोड़ी देर के लिए दूर होते हैं तो वह रोने लगते हैं। हालाँकि, यह गलत बात है, क्योंकि बच्चे को सिर्फ अपनी आदत न लगने दें, इसके लिए आप उन्हें अपने दादा-दादी या फिर घर के अन्य लोगों के साथ छोड़ें। ताकि वह आपके अलावा, घर के अन्य लोगों के साथ घुल-मिल सकें।