नई दिल्ली, देश में जिन चीनी कंपनियों की जांच किट पर सवाल उठे हैं, उन पर यूरोप पहले ही प्रतिबंध लगा चुका है। परिणाम भरोसेमंद न मिलने पर यूरोपीय देशों ने 20 लाख किट चीन को वापस भेज दी थीं। आरोप है, चीन ने महीने भर बाद करोड़ों की यही किट भारत को भेज दीं। शुरुआती जांच में संतोषजनक नतीजे आने पर किट्स राज्यों को भेजीं गईं , लेकिन राज्यों के सवाल खड़े करने पर इस्तेमाल रोक दिया गया है। जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को सरकार चीनी किट्स पर बड़ा फैसला ले सकती है। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के एक वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया, 14 कंपनियों के बैच को संतोषजनक मान मंजूरी दी थी जिसमें चीन, नीदरलैंड और दक्षिण कोरिया सहित भारतीय कंपनियां भी थीं। सबसे पहले आपूर्ति चीन से शुरू हुई। दरअसल, वहां पहले से कंपनियां किट बना रही हैं। चीन की वांडोफ बायोटे व लिवजोन डायग्नोस्टिक ने अब तक करीब 40 करोड़ की 8.5 लाख किट भारत को भेजी हैं। वांडोफ बायोटेक की 60 फीसदी से ज्यादा किट्स आई हैं। इसी कंपनी ने 20 लाख किट्स यूके सरकार को मार्च में दी थीं। वहां शुरुआती जांच में ही गड़बड़ी पकडऩे के बाद रोक लगा दी थी।