नई दिल्ली,तबलीगी जमात के मौलाना साद की मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। अब तक यह पता नहीं चल पाया है कि वह कहां हैं, पर कुछ दिनों पहले उन्होंने संदेश दिया था कि वह खुद को क्वारंटीन किए हुए हैं। हालांकि इसकी भी अवधि पूरी हो गई है। अब तक उसके सामने न आने के बाद मौलाना के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज किया गया है। उसे उम्रकैद की सजा हो सकती है। कई लोगों की मौत के बाद प्राथमिकी में धारा 304 शामिल की गई है। उस पर आरोप है कि दिल्ली पुलिस के कहने के बाद भी धार्मिक आयोजन कर भीड़ इक_ा की थी। इसमें हजारों लोगों ने भाग लिया और उनके जरिए कई शहरों में कोरोना फैल गया। निजामुद्दीन मरकज में हुए जमात के कार्यक्रम में शामिल कुछ लोगों की कोरोना वायरस से मौत और जमात में शामिल लोगों से संक्रमण तेजी से फैलने के बाद यह कदम उठाया गया है।
अभी और कसेगा शिकंजा
कहा जा रहा है कि अगर जांच के दौरान अधिक गंभीर अपराध पाए जाते हैं तो पुलिस मामले में और भी कड़ी धाराएं जोडऩे के लिए स्वतंत्र है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, साद और अन्य के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 जोड़ी गई है।
मार्च में मरकज में जुटे थे हजारों
तबलीगी जमात के लोग मार्च में हुए कार्यक्रम में घोर आपराधिक लापरवाही कर रहे थे, जो देशभर में पॉजिटिव (कोरोना) लोगों के बड़े हिस्से के लिए जिम्मेदार हैं। वे जानते थे कि उनके इस कार्य से संक्रमण फैल जाएगा, जिससे काफी मौतें होने की संभावना है। मौलवी को आखिरी बार 28 मार्च को देखा गया था। बाद में एक ऑडियो संदेश के माध्यम से उन्होंने खुद से एकांतवास में होने का दावा किया। धारा 304 के अनुसार दोषी ठहराए जाने वाले व्यक्ति को आजीवन कारावास की सजा दी जा सकती है। यह सजा 10 साल तक बढ़ाई भी जा सकती है।
पहले हल्की थी धाराएं
इससे पहले मौलाना साद पर उन धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था जो जमानती थीं। मगर अब धारा 304 शामिल होने के बाद साद के लिए जमानत पाना कठिन होगा। वरिष्ठ अधिवक्ता ऐश्वर्या भाटी ने कहा कि यह धारा हत्या के किसी मामले में दूसरी डिग्री के रूप में समझी जा सकता है। इसमें किसी की मौत का इरादा तो नहीं है, लेकिन उन्होंने एक ऐसा काम किया है, जो इतना खतरनाक है और इससे मौत होने की संभावना है। भाटी ने कहा कि फिलहाल इस मामले की जांच चल रही है, क्योंकि ये लोग अभी तक इसमें शामिल नहीं हुए हैं। जांच के किसी भी चरण में अगर यह पाया जाता है कि साजिश में उनकी भूमिका या अपराध बहुत अधिक जघन्य हैं तो चार्जशीट दाखिल होने से पहले और भी कड़ी धाराएं जोड़ी जा सकती हैं। उन्होंने जोर देकर कहा कि अगर आरोपी इस स्तर पर जांच में शामिल नहीं होते हैं, तो यह अपराध को और भी बड़ा करने वाली बात होगी।
साद के ससुराल में दो लोगों को कोरोना
तबलीगी जमात के प्रमुख मौलाना साद के दो रिश्तेदार उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं। मौलाना साद के दो रिश्तेदारों के नमूनों में कोरोना की पुष्टि होने के बाद जिला प्रशासन ने थाना मण्डी क्षेत्र के मोहल्ला मुफ्ती इलाके को सील कर दिया है और यहां के अन्य 8 लोगों को भी पृथकवास में रख दिया है। सहारनपुर के जिलाधिकारी अखिलेश सिह ने यह जानकारी दी है। दो संक्रमित व्यक्ति मौलाना साद के ससुराल के हैं। लॉकडाउन से पहले दोनों मरकज मे रुके थे। दोनों हाल ही में दक्षिण अफ्रीका से लौटे थे जिसके आधार पर इन दोनों और दो अन्य को पृथकवास में रखा गया था। जांच में दोनों के संक्रमित होने की पुष्टि हुई। अब प्रशासन इस बात की भी जांच कर रहा है कि ये लोग किन-किन लोगों के संपर्क में रहे। जिलाधिकारी ने बताया कि जो लोग भी इनके संपर्क में आए थे उन्हें पृथकवास में रखा जा रहा है।