भोपाल, सुलतानिया अस्पताल की कोरोना पॉजीटिव जूनियर डॉक्टर मेघा सूर्यवंशी के कारण सात जिलों की लगभग 25 महिलाओं पर संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। क्योंकि डॉ. मेघा ने अपने ड्यूटी अवधि के दौरान उक्त जिलों की महिलाओं को उपचार दिया था। इनमें से ज्यादातर का प्रसव डॉ. मेघा द्वारा कराया गया था। इस मामले में सुलतानिया अस्पताल प्रबंधन ने सभी संबंधित जिला कलेक्टर्स को सूची भेज दी है। जिसमें महिलाओं के नाम हैं। अब इन महिलाओं को खोजकर उन्हें क्वारेंटाइन किए जाने का काम शुरू हो चुका है। आपको बता दें कि तीन दिन पहले जीएमसी में अध्ययनरत सुलतानिया की जूनियर डॉक्टर का कोरोना टेस्ट पॉजीटिव आया है। फिलहाल वह चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं और उसका वहां इलाज चल रहा है।
नवजात शिशु और गर्भवती महिलाएं हाई रिस्क कैटेगरी में
कोरोना कोविड-19 के मामले में नवजात शिशु, प्रसूताएं और गर्भवती महिलाएं सबसे ज्यादा सेंसेटिव मानी गई हैं। उत केस में जूनियर डॉटर द्वारा लगभग 25 महिलाओं को ट्रीट किया। इसमें कई प्रसव भी उन्होंने कराए। इस लिहाज से कुछ नवजात शिशु और प्रसूताओं को भी अब संक्रमण का खतरा बढ़ गया है।
तीन नर्स की हालत बिगड़ी :
सुलतानिया अस्पताल की तीन स्टाफ नर्स सोमवार को एस में भर्ती की गई हैं। इन्हें सर्दी, जुकाम व ाांसी के लक्षण बताए जा रहे हैं। इन तीन नर्सों में नीलम, रेखा और गीतांजलि के नाम शामिल हैं। प्रांतीय नर्सेस एसोसिएशन की प्रदेशाध्यक्ष मंजू मेश्राम का इस मामले में कहना है कि जीएमसी प्रबंधन स्टाफ की सुरक्षा को लेकर जरा भी चिंतित नहीं है। हमने 140 नर्सों के नाम सौंपे हैं, जिनकी जांच होना चाहिए, लेकिन अभी तक ऐसा नहीं किया गया।