दुनिया में कोरोना का इलाज हो सके, 40 से अधिक वैक्‍सीनों पर किया जा रहा काम

नईदिल्ली, कोरोना जैसे किलर वायरस से अब तक विश्‍वभर में 1,14,248 लोगों की मौत हो गई है और 18 लाख से ज्‍यादा लोग संक्रमित हैं। कोरोना वायरस का अभी कोई इलाज नहीं खोजा जा सका है। लेकिन, इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। इस हफ्ते कई कंपनियों ने वैक्सीन के लिए अपने प्लान बताए हैं। इंडियन काउन्सिल आफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के मुताबिक कोरोना से जंग के लिए 40 से अधिक वैक्‍सीनों के विकास पर काम चल रहा है। लेकिन इसमें कोई भी वैक्‍सीन अभी परीक्षण के अगले चरण में नहीं पहुंची है।
यूएस की बड़ी दवा कपंनी फाइजर ने वैक्सीन बनाने वाली बॉयोनटेक कंपनी को 185 मिलियन का भुगतान किया है, जिससे वह मर्ना वैक्सीन बना सके। अनुमान है कि इस वैक्सीन का इंसानों पर परीक्षण अप्रैल में ही शुरू हो जाएगा। दरअसल, मर्ना वैक्सीन प्लेटफार्म का इस्तेमाल संक्रामक बीमारियों के इलाज के लिए ज्यादा होता है क्योंकि पारंपरिक वैक्सीन की तुलना में इसे ज्यादा सुरक्षित और कम बजट में तैयार किया जाता है। क्योरवैक और माडर्ना नाम की दो और कंपनियां भी इसी तरह की मर्ना वैक्सीन बनाने की दिशा में काम कर रही हैं। फाइजर कंपनी ने यह भी बताया कि कोरोना वायरस के खात्मे के लिए बनाए जा रहे एंटी वायरल को क्लीनिक के शुरुआती परीक्षण में सफलता भी मिली है। वहीं, जेवी कंपनी के पास यह क्षमता है कि वह लाखों वैक्सीन की सप्लाई इस साल के अंत तक कर सकेगी। अगर इस वैक्सीन को मंजूरी मिल गई तो फिर इन कंपनियों का दावा है कि वे 2021 के अंत तक कई करोड़ वैक्सीन की खुराक का उत्पादन कर देंगी।
कोरोना वायरस महामारी से बेहाल स्‍पेन की कंपनी सेसडर्मा कंपनी ने अपने एक बयान में बताया कि उसकी विटामिन सप्लीमेंट दवाओं ने स्पेन में 75 प्रतिशत मरीजों का सफल इलाज किया। साथ ही 300 और मरीजों पर इसका ट्रायल मैड्रिड और वेलनसिया में चल रहा है। इस कंपनी ने बताया कि उसने आईसीएमआर को भी यह सलाह दी है कि वे 30-40 मरीजों पर इस दवा का परीक्षण करें।
बांग्लादेश की एक दवा बनाने वाली कंपनी बीकन फार्मा अपने क्लीनिक में इस बात का परीक्षण करना शुरू करेगी की क्या फेवीपिरावीर नामक एंटी वायरल दवा कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए कारगर है। इस कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट मोनजुल आलम ने बताया कि एचसीक्यू की तुलना में हम इस दवा की सुरक्षा को जांचने की कोशिश कर रहे हैं। प्रतिष्ठित नेचर मैग्जीन में प्रकाशित एक अध्ययन में ऑस्ट्रेलिया के वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने 10 हजार कंपाउंड से 6 दवाओं को पहचाना है, जो कोरोना वायरस संक्रमितों के इलाज में कारगर हो सकती हैं।
वैज्ञानिकों ने इन दवाओं की क्षमता को लेकर क्लीनिकल परीक्षण भी किया है। ऑस्‍ट्रेलिया भी इन दिनों से कोरोना के कहर से जूझ रहा है। भारतीय मेडिकल रिसर्च काउंसिल (आईसीएमआर) इस दिशा में प्रयास कर रही है कि क्या कोरोना को हराने वाले मरीज का प्लाज्मा संक्रमित व्यक्तियों के इलाज के लिए कारगर हो सकता है। आइडिया यह है कि ठीक हुए व्यक्ति ने एक एंटीबॉडी बनाई होगी, जो ढाल के रूप में दूसरों के लिए भी काम कर सकता है। यही नहीं आईसीएमआर के मुताबिक कोरोना से जंग के लिए 40 से अधिक वैक्‍सीन के विकास पर काम चल रहा है। उन्‍होंने कहा कि अभी कोई भी वैक्‍सीन परीक्षण के अगले चरण में नहीं पहुंची है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *