रांची, झारखंड सरकार ने प्रदेश के सात जिलों के 55 प्रखंडों को सूखाग्रस्त घोषित किया है। कैबिनेट ने इस पर मुहर भी लगा दी। बता दें कि सरकार ने साल 2019 में मानसून को देरी से आने की वजह से यह फैसला किया है। सरकारी अधिकारियों ने कहा कि इन जिलों में सामान्य वर्षा 530 मिलीमीटर की जगह 333 मिलीमीटर ही दर्ज की गई थी। अब राज्य सरकार किसानों की आर्थिक सहायता करने के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजेगी। वहीं, केंद्र सरकार से हरी झंडी मिलने के बाद राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन राज्य आपदा प्रबंधन के माध्यम से सिंचित भूमि के लिए प्रति हेक्टेयर 13700 रुपए असिंचित भूमि के लिए 6500 रुपए देगा।
जानकारी के अनुसार, कांग्रेस के कोटे के एक मंत्री रामेश्वर उरांव ने कैबिनेट के बैठक के बाद बताया कि कांग्रेस ने अपनी तरफ से राज्य में लॉकडाउन की अवधि को बढ़ाने की अनुशंसा कर दी है। अब केंद्र सरकार के निर्णय के आधार पर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को अंतिम निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया गया है। इन सबके अलावा कैबिनेट ने और कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इनमें राशन कार्ड धारकों को प्रति किलोग्राम के हिसाब से प्रति परिवार अप्रैल-मई महीने का 10 किलो चावल देने के प्रस्ताव पर मुहर लगाई गई है।साथ ही राशन कार्ड के लिए आवेदन करने का रास्त भी खोल दिया गया है। इसके लिए 36.11 करोड़ रुपए की स्वीकृति दी गई है। वहीं, वितीय वर्ष 2019-20 में डीवीसी का बकाया भुकतान के लिए झारखंड बिजली निगम लिमिटेड को 200 करोड़ रुपए का अनुदान दिया गया है और विधि विभाग की ओर से 30 दिसंबर 2019 अधिसूचित झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन) आध्यादेश, 2019 के अधिनियम के लिए झारखंड माल और सेवा कर (संशोधन), विधेयक 2020 को स्वीकृति दी गई है।