लखनऊ,। इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने उप्र पाॅवर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीपीसीएल) पीएफ घोटाले में पूर्व प्रबंध निदेशक अयोध्या प्रसाद मिश्रा (एपी मिश्रा) की जमानत अर्जी शुक्रवार को खारिज कर दी। अदालत ने ने कहा कि 42 हजार कर्मचारियेां की करेाड़ो की धनराशि के घोटाले का मामला है। अभियुक्त मिश्रा एक प्रभावशाली व्यक्ति है और अभी घोटाले की राशि का भी पता नहीं चला है। ऐसे में इस स्तर पर उसे जमानत पर रिहा करने का कोई औचित्य नहीं है। यह आदेश न्यायमूर्ति दिनेश कुमार सिंह की बेंच ने पारित किया। बेंच ने लाकडाउन के कारण को अदालत बंद होनेे से पहले ही जमानत अर्जी पर सुनवायी पूरी करके अपना फैसला सुरक्षित कर लिया था जिसे शुक्रवार को सुनाया गया। इस मामले में हजरतगंज थाने पर प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी जिसके बाद नवंबर 2019 के पहले सप्ताह में मिश्रा केा गिरफतार करके जेल भेज दिया गया था।