भोपाल,मध्य प्रदेश की राजधानी में लॉकडाउन के दौरान पुलिस की आमजन की सेवा करने वाली खबरों के बीच ही पुलिसकर्मी द्वारा डॉक्टरो के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार राजधानी मे स्थित एम्स मे पीजी की पढाई कर रहे दो जूनियर डॉक्टर्स ने पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाया है, जिनमे से एक महिला डॉक्टर है। इस मारपीट मे एक डॉक्टर के हाथ में फ्रैक्चर हो गया और दूसरे के पैर में चोट आई है। वही इसकी शिकायत मिलते ही आला अधिकारियो ने तत्काल ही इसे गंभीरता से लेते हुए आरोपी पुलिसकर्मी को लाईन अटैच कर दिया है। जानकारी के मुताबिक, एम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन डिपार्टमेंट में डॉक्टर ऋतुपर्णा और डॉ. युवराज पीजी कर रहे हैं, ये दोनों जूनियर डॉक्टर हैं। बताया जा रहा है, कि शाम साढ़े छह बजे दोनों ड्यूटी करने के बाद एम्स के पीछे स्थित अपने घर लौट रहे थे, इसी दोरान रास्ते में दो पुलिसकर्मियों ने रोककर उनसे पूछताछ करने लगे, ओर इसी दौरान उनके बीच बहसबाजी हो गई। डॉ.युवराज के अनुसार पुलिस वालों ने लॉकडाउन में बाहर निकलने पर उनके साथ गाली गलौज करना शुरू कर दी और जब उन्होने इसका विरोध किया तो पुलिसकर्मी ने उनके साथ डंडे से मारपीट करना शुरू कर दी। जब डॉक्टर्स ने उनसे आईकार्ड देखने के लिए कहा तो पुलिसवालों ने उन्हे गालियां दीं और सामान भी फेंक दिया। डंडे से की गई मारपीट के कारण डॉ युवराज के दायें हाथ में फ्रैक्चर हो गया वही महिला डॉक्टर के पैर में चोट आयी है। बाद मे दोनों डॉक्टर्स एम्स लौट आए और वहां इमरजेंसी में एमएलसी कराई और अस्पताल प्रशासन के ज़रिए बाग सेवनियां थाने में शिकायत की। गौरतलब है कि एम्स के डॉक्टरो के साथ पुलिसकर्मी द्वारा की गई मारपीट की घटना से पहले हमीदिया और जेपी अस्पताल के स्टाफ को रोकने की कई बार शिकायत हो चुकी हैं, जबकि मध्य प्रदेश में एस्मा लागू है, और स्वास्थ्य सेवाओं और उससे जुड़े लोगों के आने-जाने की छूट है। वही डॉक्टरो से मारपीट किये जाने की खबर मिलते ही अस्पताल के डॉक्टरो मे आक्रोश फैलनै लगा हालांकि शिकायत मिलने की जानकारी मिलते ही आला अधिकारियो ने इसे गंभीरता से लिया। ओर तत्काल ही कार्यवाही करते हुए डॉक्टर के साथ मारपीट और दुर्व्यवहार करने वाले थाना बागसेवनिया के पुलिसकर्मी सुनील को एसपी साउथ ने लाइन अटैच करने के आदेश जारी कर दिये।