भोपाल,भारी राजनीतिक गहमागहमी के बीच शुरु हुए मध्यप्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के प्रथम दिन आज राज्यपाल लालजी टंडन के अभिभाषण के बाद सत्तापक्ष और विपक्ष के बीच जबर्दस्त हंगामा हुआ। विपक्ष जहां आज फ्लोर टेस्ट की मांग कर रहे थे तो सत्तापक्ष के विधायक इसका विरोध कर रहे थे। विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने सभी सदस्यों से सदन की कार्रवाई बगैर शोरगुल के चलने देने का अनुरोध किया लेकिन इसका असर दोनों पक्षों पर नहीं हुआ। इसके बाद प्रथम बार सदन की कार्रवाई पांच मिनट के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पूर्व प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन ने विधानसभा में कहा कि सभी सदस्यों को शुभकामनाओं के साथ सलाह देना चाहता हूं, जो स्थिति है उसमें सभी का दायित्व है कि शांतिपूर्ण तरीके से संविधान द्वारा निर्देशित परंपरा और नियमों के साथ पालन करें ताकि मध्य प्रदेश का जो गौरव है, उसकी लोकतांत्रिक परंपराओं का पालन हो सके। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव इस दौरान बीच में खड़े हुए और कुछ बोलना चाहा तो सत्तापक्ष की ओर से विरोध किया गया। राज्यपाल के जाने के बाद नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव राज्यपाल द्वारा राज्य सरकार को लिखे गए पत्र को पढ़ते रहे वहीं सत्तापक्ष की ओर से लगातार विरोध किया जाता रहा।
विधानसभा में बढ़ते हंगामे के कारण अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने कार्रवाई 5 मिनट के लिए स्थगित कर दी! राज्य विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण के बाद जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव सहित भाजपा विधायकों ने फ्लोर टेस्ट की मांग की। कांग्रेस विधायकों ने इसका विरोध किया। लगातार हंगामे के बीच पक्ष और विपक्ष द्वारा एक-दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का दौर चलता रहा। हंगामा बढता देख विधानसभा अध्यक्ष प्रजापति ने विधानसभा की कार्रवाई आगामी 26 मार्च तक के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। सदन की कार्रवाई स्थगित होने के बाद भी सत्तापक्ष और विपक्ष का हंगामा जारी रहा। मालूम हो कि मध्य प्रदेश से खाली हुई राज्यसभा सीटों के लिए 26 मार्च को चुनाव भी होना है। ऐसे में यह कहा जा रहा है कि बेंगलुरु में मौजूद कांग्रेस विधायकों पर व्हिप का पालन न करने पर कार्रवाई भी हो सकती है। विधानसभा स्थगित होने के बाद विपक्ष के विधायकों ने बाहर आकर हंगामा किया और स्पीकर से मिलने भी पहुंचे।