भोपाल, प्रदेश के सरकारी विश्वविद्यालयों के प्रशासन की जिम्मेदारी अब राज्य सरकार प्रदेश प्रशासनिक सेवा के अफसरों को सौंपने की तैयारी कर रही है। इसके लिए डिप्टी कलेक्टरों को रजिस्ट्रार पद पर पदस्थापना दी जाएगी। इसकी शुरुआत नए शिक्षा सत्र से करने की तैयार की जा रही है। दरअसल प्रदेश भर के विश्वविद्यालयों में वित्तीय अनियमितताएं और भ्रष्टाचार को लेकर गंभीर शिकायतें लगातार सरकार को मिल रही हैं। यही नहीं कई विश्वविद्यालयों में तो परीक्षाओं को लेकर अराजकता की भी स्थिति बनी हुई है। कई विव में निर्माण कार्यों, नियुक्ति के नाम पर करोड़ों की राशि की गड़बड़ी को लेकर उच्च शिक्षा विभाग द्वारा जांच भी कराई जा रही है।
नियमित रजिस्ट्रार की कमी भी होगी पूरी
इस मामले में स्वंय प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी की देखरेख में विश्वविद्यालयों में रजिस्टार के पद डिप्टी कलेक्टर्स को नियुक्ति करने का खाका तैयार किया जा रहा है। इसका मकसद अनियमितताओं और आर्थिक स्तर की गई गड़बडिय़ों पर नकेल कसना है। उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी का कहना है कि विश्वविद्यालयों में नियमित रजिस्ट्रार की कमी है। पिछली सरकार ने इस मामले में आंख बंद कर रखी थी। उन्होंने कहा कि हमारी मंशा है कि एडमिस्ट्रेशन लेबल पर करप्शन में कमी लाना है। उन्होंने कहा कि नए शिक्षा सत्र से इस प्लान को लागू किया जाएगा ।
भाजपा ने लगाया यह आरोप
भाजपा सरकार में उच्च शिक्षा मंत्री रहे उमाशंकर गुप्ता का कहना है कि इस समय सरकार यही कर रही है, इधर का उठाकर उधर कर रही है। हर चीज में अपनी मनमानी करना चाहती है। उन्होंने कहा कि सरकार रजिस्ट्रार के पद क्यों नहीं भरना चाहती। उन्होंने सरकार पर बैकडोर से एंट्री करने का आरोप लगाया। गुप्ता ने कहा कि करप्शन है तो सरकार कार्रवाई क्यों नहीं करती। उन्होंने आरोप लगाया कि ये सरकार डिप्टी कलेक्टरों की पोस्टिंग भी पैसे लेकर ही करेगी।