नई दिल्ली, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नागरिकता कानून और दिल्ली में इसे लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन पर पूछे गए सवाल पर कहा कि दिल्ली हिंसा के बारे में मैंने सुना है, लेकिन पीएम मोदी से इसे लेकर कोई चर्चा नहीं हुई है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी से धार्मिक स्वतंत्रता पर बात हुई है और वह धार्मिक आजादी के पक्षधर हैं। पत्रकारों से बात करते हुए ट्रंप ने कहा कि मैं सीएए पर कोई बयान नहीं देना चाहूंगा क्योंकि यह भारत का फैसला है और मुझे उम्मीद है कि भारत अपने लिए उचित कदम उठा सकता है और वह सही फैसला लेगा। ट्रंप ने कहा कि कश्मीर पर मध्यस्थता को लेकर अगर मैं कुछ कर सकता हूं तो मैं करूंगा, लेकिन अगर दोनों देश चाहेंगे। पाकिस्तान की धरती से आतंकवाद पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि भारत और पाकिस्तान अपनी समस्या को सुलझाने पर काम कर रहे हैं, दोनों देशों के प्रधानमंत्री के साथ मेरा रिश्ता मजबूत है।
इसके अलावा भी कई मुद्दों पर पूछे गए सवालों का ट्रंप ने बेबाकी से जवाब दिया। यह पूछे जाने पर कि क्या रूस अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को प्रभावित करने की कोशिश कर रहा है? इसके जवाब में ट्रंप ने कहा कि खुफिया एजेंसियों ने मुझे कभी नहीं बताया। साथ ही अमेरिका-तालिबान शांति समझौते पर उन्होंने कहा कि हम इसके काफी करीब हैं। ट्रंप ने कट्टरपंथी इस्लामिक आतंकवाद पर काबू पाने को लेकर कहा कि मुझे नहीं लगता कि जितना मैंने किया उससे ज्यादा किसी ने किया है। उन्होंने कहा कि रूस, सीरिया और ईरान को भी ऐसा करना चाहिए।