लखनऊ,उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दी गयी पांच एकड़ जमीन को स्वीकार करते हुए उस पर मस्जिद के साथ-साथ ‘इंडो-इस्लामिक’ सेंटर, अस्पताल और लाइब्रेरी भी बनवाने का फैसला किया है।
बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी ने बोर्ड की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि बोर्ड की बैठक में राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में दी जा रही पांच एकड़ जमीन को स्वीकार किये जाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने बताया कि बोर्ड ने यह भी फैसला किया है कि वह उस जमीन पर निर्माण के लिये एक ट्रस्ट भी गठित करेगा। उस जमीन पर एक मस्जिद के निर्माण के साथ-साथ एक ऐसा केन्द्र भी स्थापित करेगा जो पिछली कई सदियों की ‘इंडो-इस्लामिक’ सभ्यता को प्रदर्शित करेगा। फारूकी ने बताया कि इसके साथ ही भारतीय तथा इस्लामिक सभ्यता के अन्वेषण तथा अध्ययन के लिये एक केन्द्र तथा एक चैरिटेबल अस्पताल एवं पब्लिक लाइब्रेरी तथा समाज के हर वर्ग की उपयोगिता की अन्य सुविधाओं की व्यवस्था भी की जाएगी। इंडो-इस्लामिक केन्द्र में रिसर्च और स्टडी दोनों ही सेंटर होंगे। मस्जिद को क्या नाम दिया जायेगा, इस पर फैसला ट्रस्ट करेगा। फारूकी ने कहा कि ट्रस्ट तथा उसके पदाधिकारियों से सम्बन्धित सम्पूर्ण विवरण की घोषणा उसके गठन के बाद की जाएगी। ट्रस्ट बहुत जल्द गठित होगा। बैठक में बोर्ड के आठ में से छह सदस्य मौजूद थे। इमरान माबूद खां और अब्दुल रज्जाक खां बैठक में शामिल नहीं हुए।