भोपाल, राजधानी में बन रही स्मार्टसिटी को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह का कहना है कि ऐसी स्मार्ट सिटी का क्या मतलब जो लोगों को उजाड़कर बेरोजगार कर दे। शहर को ऐसी स्मार्ट सिटी की जरूरत नहीं है। भगवान ही जाने यह लोग भोपाल में स्मार्ट सिटी के नाम पर क्या करना चाहते हैं? उन्होंने कहा कि अब अधिकारियों से चर्चा नहीं, बल्कि मुख्यमंत्री व मंत्रियों से मामले पर बातचीत की जाएगी। यह बात कल पूर्व सीएम ने स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के विरोध कार्यक्रम के दौरान कही। क्षेत्र के 50 से ज्यादा विरोध कर रहे संगठनों ने व्यापारी-रहवासी कल्याण महासंघ बनाया है। महासंघ के बैनर तले जवाहर चौक स्थित जैन मंदिर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के खिलाफ विरोध सभा का आयोजन किया गया। व्यापारियों ने समस्याओं को बताते हुए कहा कि अधिकारियों द्वारा मनमानी की जा रही है। इस प्रोजेक्ट के कारण ढाई हजार दुकानें व 40 हजार लोग प्रभावित हो रहे हैं।
सभा को संबोधित करते हुए दिग्विजय सिंह ने अपनी सरकार को भी घेरा। उन्होंने कहा कि इस प्रोजेक्ट से लोगों को दिक्कतें हैं। यह प्रजातंत्र है और कोई भी सरकार लोगों को ऐसे परेशान नहीं कर सकती। एकतंत्र से काम नहीं होने दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस लड़ाई में हर स्तर पर मैं आपके साथ हूं। उन्होंने मामले पर जल्द शासन स्तर पर चर्चा करने की बात कही। विरोध-प्रदर्शन में शामिल कांग्रेस नेता रामेश्वर नीखरा ने कहा कि भोपाल की जनता से भी चूक हो गई। लोकसभा चुनावों में जनता आपको हरा बैठी और सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बिना नाम लिए कहा कि जिन्हें जिताया वह चुप बैठीं हैं। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार में भी ऐसे अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है, जो सुनने समझने को ही तैयार नहीं हैं। दरअसल, टीटी नगर स्थित स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एरिया बेस्ड डेवलपमेंट प्रोजेक्ट का व्यापारियों व रहवासियों द्वारा विरोध किया जा रहा है। क्षेत्रीय लोगों ने प्रोजेक्ट के कामों में अधिकारियों पर मनमाना रवैया अपनाने के आरोप लगाए हैं।