भोपाल, गुरुवार को लोकायुक्त कार्यालय के ठीक बगल स्थित ट्रैजरी कार्यालय मे उस समय पकड मे आया जब लोकायुक्त टीम ने अपने कार्यालय के बगल मे ही ट्रैजरी ऑफिस मे रेड मारते हुए एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर (अतिरिक्त जिला कोषालय) के पद पर पदस्थ दिलिप सिंह चौहान को उसके कैबिन मे ही 10 हजार कि रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। बताया गया है कि पुछताछ मे दिलिप ने लोकायुक्त टीम को बताया कि उसने यह रिश्वत की रकम ट्रैजरी आफिस मे लिपिक के पद पर पदस्थ निखिल सक्सेना के कहने पर ली थी, जिसके आधार पर दोनो के खिलाफ कार्यवाही की गई है। लोकायुक्त टीम अधिकारियो ने ,खबर लिखे जाने तक जानकारी देते हुए बताया कि राजधानी निवासी देवेंद्र वर्मा ने बीते दिनो लिखित शिकायत करते हुए बताया कि वो ओमेन एसेसरीज नामक कंपनी मे सीनीयर मैनैजर के पद पर पदस्थ है, ओर उनकी मां की पेंशन रिवाइज (पुर्ननिर्धारण) करने के एवज में ट्रैजरी कार्यालय के एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर दिलिप सिंह चौहान ओर बाबू निखिल सक्सेना द्वारा 25 हजार कि रिश्वत की मांग की जा रही है। फरियादी ने आगे बताया कि वो 4 हजार की रकम दे चूके है, वही दोनो कर्मचारियो द्वारा बाकी की रकम मांगने पर ही काम करने की बात कही जा रही है। परेशान होकर देवेद्रं वर्मा ने इसकी शिकायत लोकायुक्त मे कर दी। शिकायत मिलने पर लोकायूक्त ने रिश्वत की रकम देने के लिये फरियादी की बातचीत आरोपी कर्मचारी से कराते हुए उसकी रिकार्डिग की, बातचीत के दोरान एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर दिलीप सिंह चौहान ने फरियादी से दूसरी किश्त के रुप मे 10 हजार देने का तय करते हुए उसे रिश्वत की रकम लेकर अपने ट्रैजरी कार्यालय मे स्थित कैबिन मे ही बुला लिया। वही फरियादी द्वारा बातचीत की रिकार्डिग मे रिश्वत मांगने कि शिकायत सही पाये जाने पर लोकायुक्त टीम ने उसे रंगे हाथो दबोचने के लिये जाल बिछाया। अधिकारियो के अनुसार प्लान के मुताबिक गुरुवार को फरियादी दूसरी किश्त के 10 हजार लेकर जिला ट्रेजरी कार्यालय मे दिलिप सिंह के कैबिन भेजा गया। वहॉ जैसै ही दिलीप सिंह चौहान 10 हजार की रिश्वत ली, उसी समय फरियादी का विशेष इशारा पाकर पहले से ही जाल बिछाये बैठी लोकायुक्त टीम ने दिलिप सिंह को रंगे हाथों दबोचते हुए गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त ने जैसे ही उसके हाथ धुलवाए गए नोट से लगा हुआ गुलाबी रंग पानी में घुलकर आ गया। अधिकारियो ने बताया कि पुछताछ मे दिलिप ने टीम को बताया कि उसने रिश्वत कि यह रकम कार्यालय मे बाबू के पद पर पदस्थ निखिल सक्सेना के कहने पर ली थी, जिसके बाद लोकायूक्त ने दोनो को आरोपी बनाते हुए कार्यवाही शुरु कर दी।
एडिशनल ट्रेजरी ऑफिसर को कैबिन मे ही रिश्वत लेते लोकायुक्त पुलिस ने पकड़ा
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