नई दिल्ली,भारतीयों द्वारा बहुतायत में खाए जाने वाला सोयाबीन तेल भी मोटापे का कारण हो सकता है। इस तेल से न सिर्फ मोटापा और मधुमेह हो सकता है बल्कि इससे दिमाग में भी कई तरह के अनुवांशिक बदलाव हो जाते हैं। चूहों पर किए गए एक शोध में यह दावा किया गया है। शोधकर्ताओं के अनुसार सोयाबीन का तेल ऑटिज्म और अल्जाइमर जैसी दिमागी बीमारियों को भी प्रभावित करता है। शोध में चूहों को तीन समूहों में बांटकर उन्हें तीन तरह के वसा युक्त आहार का सेवन कराया गया। एक समूह को सोयाबीन का तेल, दूसरे समूह को कम लिनोलेइक एसिड वाला सोयाबीन तेल और नारियल के तेल का सेवन कराया गया। सोयाबीन के तेल का सेवन करने से मोटापे, मधुमेह, इंसुलिन प्रतिरोध और फैटी लिवर की समस्या बढ़ती है। शोधकर्ता फ्रांसिस स्लाडेक ने कहा कि अपना टोफू, सोयामिल्क या सोया सॉस न फेंके। कई सोया उत्पादों में बहुत कम मात्रा में सोयाबीन का तेल होता है। इन सोया उत्पादों के कई स्वास्थ्यकारी गुण हैं। इसमें कई जरूरी फैटी एसिड और प्रोटीन पाए जाते हैं, जो लाभदायक भी है।यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के शोधकर्ताओं ने बताया कि सोयाबीन के तेल का इस्तेमाल फास्ट फूड को पकाने में किया जाता है। इसे पैकेट वाले खाद्य पदार्थों में डाला जाता है और दुनिया के कई हिस्सों में जानवरों को भी खिलाया जाता है।