नई दिल्ली, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट सत्र के पहले दिन शुक्रवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण 2020 पेश किया। यह नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में पेश किया गया दूसरा आर्थिक सर्वेक्षण है। इसी के साथ अर्थव्यवस्था की डांवाडोल स्थिति के बीच आज संसद का बजट सत्र की शुरूआत हो गई।
उन्होंने वित्तवर्ष 2020-21 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ 6 से 6.5 फीसदी रहने का भरोसा जताया है। फिलहाल वित्त वर्ष 2019-20 के लिए देश की जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 5 फीसदी है। जबकि, इससे पिछले वित्त वर्ष में 6.8 फीसदी था। इकोनॉमिक सर्वे के मुताबिक, वित्त वर्ष 2020 की दूसरी छमाही में देश की अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट आएगी। इसके बाद वित्त वर्ष 2021 में इसके मजबूत स्थिति में पहुंचाने का अनुमान जताया गया है।
आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया है कि जुलाई-सितंबर 2019 में जीडीपी ग्रोथ 4.5 रही थी, जो 2013 के बाद सबसे निचले स्तर पर रही। सर्वे में कहा गया है कि जीडीपी ग्रोथ घटने का सबसे बड़ा कारण मांग और निवेश में कमी रही। इसके कारण सरकार पर आर्थिक सुधारों में तेजी लाने का दबाव बना। उम्मीद है कि सरकार बजट 2020 में व्यक्तिगत करदाताओं को आयकर में राहत की घोषणा कर सकती है। साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में निवेश बढ़ाने वाली घोषणाएं कर सकती है।
आर्थिक सर्वेक्षण 2020 के मुताबिक अमेरिका, ईरान और इराक के बीच तनाव बढ़ने के कारण कच्चे तेल की कीमतों पर असर पड़ा। इससे वित्त वर्ष 2021 में पेट्रोलियम सब्सिडी पर असर पड़ेगा। अगर ऐसा हुआ तो रसोई गैस सिलेंडर महंगा हो सकता है। वहीं, फूड सब्सिडी पर काबू पाने पर सरकार का जोर है। सर्वे में कहा गया है कि अगर घरों की बिक्री बढ़ती है, तो बैंकों और नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनियों को फायदा मिलेगा।
इससे पहले राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने बजट की शुरुआत में संसद के दोनों सदनों के संयुक्त सत्र को संबोधित करते नागरिकता संशोधन कानून, राममंदिर निर्माण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोगों की परिपक्वता, जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को हटाने का जिक्र किया। उन्होंने कहा इससे कश्मीर के लोगों को वही अधिकार मिले हैं, जो पूरे देश को मिलते हैं। इससे कश्मीर का विकास होगा। वहीं, उन्होंने पीएम-किसान योजना का भी जिक्र किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि तीन तलाक कानून, उपभोक्ता कानून, चिटफंड कानून, बच्चों के खिलाफ अपराधों को रोकने के लिए कानून बनाए गए हैं।