एक करोड़ लोगों को पेयजल उपलब्ध कराने पर सरकार करेगी 22 करोड़ खर्च

भोपाल,कमलनथ सरकार प्रदेश में ‘राइट टू वाटर के तहत करीब एक करोड़ लोगों के घरों तक नल से पानी पहुंचाने का प्रयास कर रही है। इसके लिए जन निगम द्वारा करीब साढ़े 22 हजार करोड़ रुपए खर्च करेगा। इसके लिए डीपीआर तैयार कर ली गई है। इस योजना के लिए आईआईटी दिल्ली के विशेषज्ञों की भी मदद ली गई है। इस योजना के दासरे में 14 हजार से अधिक गांवों को लिया गया है। ज्ञात रहे की प्रदेश में पहले से ही समूह नल-जल की करीब 6672 करोड़ रुपए की 39 योजनाओं पर काम चल रहा है। जिसे वर्ष 2022 तक पूरा किया जाना है। इससे 6091 गांव की लगभग 64 लाख आबादी को नल से पेयजल मिलेगा। योजना में प्रतिदिन प्रति व्यक्ति 55 लीटर पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
85 प्रतिशत आबादी के घर में नहीं है नल
प्रदेश में अभी महज 15 फीसदी जनसंख्या को ही नलों से पानी मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्र की अधिकांश आबादी हैंडपंप पर निर्भर है। 85 फीसदी लोग हैंडपंप या कुएं पर ही आश्रित है। इस योजना को 85 फीसदी आबादी के हिसाब से तैयार किया गया है। जल निगम ने भूजल के बजाय सतही पानी पर आधारित योजना बनाई है। इसके लिए आसपास के नदी, तालाब और जल संसाधन के रिजरवायर से पानी लिया जाएगा।
जल्द जारी होगें टेंडर
राज्य सरकार ने इस योजना के लिए पांच हजार करोड़ रुपए के टेंडर की तैयारी कर ली गई है। जो जल्द ही जारी किए जा सकते हैं। केंद्र के जल जीवन मिशन की गाइडलाइन हाल में प्रदेश सरकार को मिली है। उसके कामों के लिए केंद्र और राज्य सरकार 45-45 प्रतिशत खर्च वहन करेंगे।
योजना एक नजर
14510 गांव योजना में शामिल
45 नल जल योजनाओं से पहुंचाएंगे पानी
04 साल में काम पूरा करने का लक्ष्य
इस तरह होगी राशि की व्यवस्था
5000 करोड़ के कामों के टेंडर फरवरी में जारी होंगे
45-45 फीसदी खर्च वहन करेंगे केंद्र और राज्य
10 राशि जनसहयोग से जुटाएंगे।

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