जोधपुर,यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद आसाराम को एससी-एसटी कोर्ट के तत्कालीन जज मधुसूदन शर्मा की कोर्ट ने गत 25 अप्रैल 2018 को आसाराम को जीवन के आखिरी सांस तक जेल में रहने की सजा सुनाई। इसके साथ ही कोर्ट ने आसाराम के मामले में सह-अभियुक्त शिवा और प्रकाश को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया। सजा के खिलाफ आसाराम की अपील और शिवा व प्रकाश को बरी किए जाने के खिलाफ पीड़िता व सरकार की अपील पर आज हाईकोर्ट जस्टिस संदीप मेहता व जस्टिस अभय कुमार चतुर्वेदी की खंडपीठ में सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सरकार व पीड़िता की अपील पर सुनवाई पूरी करते हुए, इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया। आसाराम की ओर से आज अधिवक्ता प्रदीप चौधरी कोर्ट में मौजूद थे, लेकिन आज आसाराम की अपील पर सुनवाई नहीं हो सकी। कोर्ट जल्द ही शिवा व प्रकाश को बरी किए जाने के खिलाफ सरकार व पीड़िता की याचिका पर फैसला देगी। इसके बाद आसाराम की याचिका पर आगामी सुनवाई मुकर्रर की जाएगी। गौरतलब है कि जोधपुर के मणाई आश्रम में अपने ही गुरुकुल की छात्रा के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में जोधपुर सेंट्रल जेल में आसाराम लगभग 6 वर्षों से बंद है।
यौन उत्पीड़न के केस में आसाराम के साथ सह-आरोपी रहे प्रकाश और शिवा पर HC ने फैसला रखा सुरक्षित
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