नई दिल्ली,इन दिनों दुनियाभर में कैंसर के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। उसमें भी लंग कैंसर यानी फेफड़ों में होने वाला कैंसर सबसे ज्यादा जानलेवा साबित होता है, क्योंकि उसके बारे में बहुत देर में पता चल पाता है। वैसे तो फेफड़े के कैंसर का सबसे बड़ा कारण धूम्रपान है, लेकिन सेकंड या थर्ड हैंड स्मोकिंग और तेजी से बढ़ते वायु प्रदूषण की वजह से भी लंग कैंसर के मामले बढ़ रहे हैं। इस लिए दो सप्ताह से ज्यादा खांसी रहे तो सावधान हो जाना चाहिए। सांस लेने में दिक्कत महसूस होना, भूख खत्म हो जाना, हर समय थकान महसूस होना, सांस लेते समय घरघराहट की आवाज आना आदि फेफड़े के कैंसर के सामान्य लक्षण हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार खांसी बने रहना भी फेफड़े के कैंसर का एक लक्षण है। यही वजह है कि यदि ज्यादा दिनों तक खासी ठीक नहीं हो, तो उसे नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। अगर आपको 2 हफ्ते से ज्यादा समय तक खांसी रहती है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क कीजिए।
हालांकि अगर किसी व्यक्ति को फेफड़ों का कैंसर हो जाता है तो उसकी खांसी में खून भी आता है। लिहाजा जब भी आप खांसें तो अपने बलगम पर नजर रखें। क्या आपको खांसी में कोई बदलाव नजर आ रहा है? क्या बलगम के रंग में कुछ बदलाव है? क्या आपको खांसते ही लंग्स और छाती में तेज दर्द महसूस होता है? अगर इन सभी सवालों का जवाब हां तो डॉक्टर से संपर्क करें और अपनी पूरी जांच करवाएं। लाइफस्टाइल में जरूरी बदलाव करके आप खुद को इस बीमारी से बचा सकते हैं। स्मोकिंग न करने वालों को भी सावधान रहने की जरूरत है क्योंकि एक नई स्टडी में यह बात सामने आयी है कि कुछ ही समय के लिए वेपिंग (ई-सिगरेट का यूज) करने से भी फेफड़ों में जलन होती है जो लंग कैंसर का कारण बन सकता है।