रेलवे ने केरल के पकवान वापस मेन्यू में शामिल किए

कोच्चि,भारतीय रेलवे ने एक बार फिर से केरल के पारंपरिक पकवानों को शामिल किया है, हालांकि इसकी कीमत अब दोगुनी हो गई है। बता दें कि रीजनल फूड मेन्यू से केरल के व्यंजन हटाने पर रेलवे पर कल्चरल फासीवाद का आरोप लगाया गया। केरल के सांसद ने मुद्दा उठाते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल को पत्र भी लिखा था। रेलवे के नए मेन्यू में शामिल अप्पम, पुत्तू, एग करी, पजमपोरी जैसी केरल की कई पारंपरिक डिशों की कीमत अब 35 रुपये से 75 रुपये हो गई है जबकि स्नैक्स जिसकी कीमत 8 रुपये थे अब 15 रुपये कर दी गई है। इस विवाद के बाद कॉर्पोरेशन ने नया मेन्यू जारी करते हुए केरल की डिशों को शामिल किया। बोनस के रूप में आईआरसीटीसी ने फिश करी के ऑप्शन को भी शामिल किया। एर्नाकुलम सांसद हीबी ईडन ने आईआरसीटीसी के फैसले का स्वागत किया। हीबी ने मुद्दा उठाते हुए रेल मंत्री पीयूष गोयल और आईआरसीटीसी चेयरमैन एमपी माल को पत्र लिखा था। आईआरसीटीसी ने अपने ऑफिशल ट्विटर हैंडल से मंगलवार को ट्वीट किया, ‘यात्रियों और प्रतिनिधियों की मांग को देखते हुए, आईआरसीटीसी ने जोन और क्षेत्रों में मौजूद अपने स्थानीय ऑफिसों को एक हफ्ते के अंदर लोकल और क्षेत्रीय टेस्ट के अनुसार फूड और स्नैक्स शामिल करने को कहा है।’ मालूम हो कि इंडियन रेलवे कैटरिंग ऐंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन (आईआरसीटीसी) के फूड मेन्यू से केरल के स्नैक्स और फूड आइटम को हटाते हुए उत्तर भारतीय व्यंजन जैसे छोले भटूरे और राजमा चावल को शामिल कर दिया था। इस पर सोशल मीडिया यूजर्स ने आपत्ति जताई थी। एग करी, अप्पम, पोरोत्ता, पुत्तू जैसी डिशेज को हटाने के बाद एक ट्विटर हैंडल ने ट्वीट किया, ‘मलयाली राजमा चावल, छोले भटूरे, पाव भाजी और खिचड़ी नहीं खाते हैं, यहां तक कि दक्षिण भारतीय भी इसे नहीं खाते। पहले वे हमारी भाषा पर आए, अब हमारे खाने को भी हमसे दूर कर रहे हैं। सांस्कृतिक फासीवाद आपके दरवाजे खड़ा है।’

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