नई दिल्ली, सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कहा कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने का केन्द्र को निर्देश देने के लिए भाजपा नेता डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर तीन महीने बाद विचार किया जाएगा। इससे पहले स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले में सरकार ने अभी तक जवाब नहीं दिया है इसलिए उसे निर्देश दिये जायें। स्वामी ने कहा कि कोर्ट ने इस पर केन्द्र सरकार को नोटिस जारी किया है पर सरकार ने अभी तक कोई जवाब नहीं दिया है। वहीं स्वामी ने अपनी याचिका में कहा है कि राम सेतु लाखों हिन्दुओं की आस्था से जुड़ा है। इसे न तोड़ा जाए और राम सेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया जाए। पीठ ने रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के लिए दायर याचिका पर शीघ्र सुनवाई के बारे में स्वामी की अर्जी का संज्ञान लिया। पीठ ने स्वामी से कहा कि आप तीन महीने बाद इसका उल्लेख करें। हम उस समय इस पर विचार करेंगे।
इससे पहले मोदी सरकार ने रामसेतु पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया था। केन्द्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना और राम सेतु के बारे में रुख स्पष्ट करते हुए कहा था कि समुद्र में जहाजों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए प्रस्तावित सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा। वहीं परियोजना के लिए सरकार कोई दूसरा रास्ता तलाशेगी। गौरतलब है कि वर्ष 2008 में तत्कालीन यूपीए सरकार ने इस मामले में हलफनामा दाखिल कर सेतु समुद्रम परियोजना के लिए राम सेतु को तोड़ कर तय वर्तमान मार्ग से ही लागू किये जाने पर जोर देते हुए कहा था कि भगवान राम के अस्तित्व में होने के बारे में कोई पुख्ता साक्ष्य उपलब्ध नहीं हैं हालांकि बाद में यूपीए सरकार ने वह हलफनामा वापस ले लिया था।
रामसेतु को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने के मामले में तीन महीने बाद विचार करेगा सुप्रीम कोर्ट
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