टैक्स की दो दरें रखने का जीएसटी कमेटी ने दिया सरकार को प्रस्ताव

नई दिल्ली, मोदी सरकार ने जीएसटी दरें बढ़ाने को लेकर चाहें अभी इनकार कर दिया हो, लेकिन मोदी सरकार के लिए लंबे समय तक इस टालना मुश्किल होगा। एक रिपोर्ट के मुताबिक न सिर्फ जीएसटी कमेटी ने टैक्स की दो दरें रखने का प्रस्ताव दिया है, बल्कि कई प्रोडक्ट पर दरें बढ़ाने की सिफारिश भी की गई है। सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल ने अभी दरें बढ़ाने पर फैसला नहीं लिया है लेकिन लंबे समय तक दरें बढ़ाने का फैसला टालना मुश्किल होगा। जीएसटी दरें बढ़ाने पर बनी कमिटी की कई अहम सिफारिशें की हैं। कमिटी की इन सिफारिशों पर आगे विचार किया जा सकता है।
जीएसटी के तहत 10 और 20 फीसदी दो टैक्स रेट हों। सिन और लग्जरी गुड्स पर विशेष उच्च रेट हों और कॉस्मेटिक, गैंबलिंग जैसे आइटम पर सेस लगाया जाए। सेस की मौजूदा दरों में बढ़ोतरी की जाए और महंगाई की दर से सेस दरों को जोड़ा जाए। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के लिए कंपोजिशन रेट बढ़ाया जाए। कंपोजिशन स्कीम में आने वाले कारोबार की समीक्षा हो।
कुछ जीएसटी मुक्त प्रोडक्ट्स पर जीएसटी लगे और हेल्थ, एजुकेशन की चुनिंदा सेवाओं दरें बढ़ाई जाएं।सोना, चांदी पर जीएसटी 3 फीसदी से बढ़ाकर 5 फीसदी किया जाए। वहीं मोबाइल पर जीएसटी 12 फीसदी से बढ़ाकर 18 फीसदी किया जाए। 5 फीसदी वाले कई आइटम पर 12 फीसदी जीएसटी लगे। 12 फीसदी वाले कई आइटम पर 18 फीसदी जीएसटी लगाया जाए। 28 फीसदी से घटकर 18 फीसदी में आने वाले कुछ प्रोडक्ट पर वापस 28 फीसदी जीएसटी लगाया जाए। इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर को ठीक किया जाए। इसके लिए 23 आइटम पर ड्यूटी की दरें बढ़ाई जाए। फर्टिलाइजर,फुटवियर, ट्रैक्टर, फैब्रिक, फार्मा पर ड्यूटी बढ़े। इनवर्टर्स, एग्री मशीनरी, एलईडी लाईट पर ड्यूटी बढ़े। वाटर पंप,मेडिकल इक्विपमेंट पर भी ड्यूटी बढ़ाई जाए। ड्यूटी स्ट्रक्चर ठीक नहीं होने से सालाना 20,000 करोड़ रिफंड होता है। फार्मा जैसे आइटम पर एमआरपी के आधार दरें तय हों। कई आइटम पर उत्पादन क्षमता के आधार पर दरें तय हों।

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