लंदन, वैज्ञानकों ने एक ऐसी दवा की पहचान की है, जिससे बालों के गिरने को रोकने में मदद मिल सकती है। प्रयोगों में साबित हुआ है कि यह दवा बालों की जड़ों को मजबूती देने का काम करती है। वास्तव में ऑस्टियोपोरोसिस के उपचार के लिए यह दवा विकसित की गई थी। इससे बालों की वृद्धि बेहतर हो सकती है। ब्रिटेन के मैनचेस्टर विश्वविद्यालय के अनुसंधानकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है। वर्तमान समय में केवल मिनोक्सीडिल और फिनास्टेराइड ही पुरुषों के गंजेपन के इलाज के लिए उपलब्ध दवाएं हैं। हालांकि इन दोनों के हल्के नकारात्मक प्रभाव भी देखने को मिलते हें और कई बार उम्मीद के मुताबिक सफलता नहीं मिलती है। ऐसे में मरीजों के पास केवल बालों के प्रतिरोपण की सर्जरी का विकल्प ही शेष रह जाता है। ऐसे में इंसानों के बालों को मजबूती देने वाले नए तरीके को विकसित किए जाने की जरूरत थी और इस नई दवा से इस बात की उम्मीद पैदा हुई है। इस अनूठी दवा का नाम वे-316606 है।
तमाम लोग ऐसे हैं जो मानते हैं कि लगातार हेलमेट पहनने से उनके बाल ज्यादा झड़ते हैं और इससे आगे चलकर वे गंजे भी हो सकते हैं। गंजेपन से सबंधित इस तरह के कई मिथक हमारे देश में प्रचलित हैं। वहीं तमाम हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ मानते हैं कि ये सिर्फ एक मिथक है कि हेलमेट, टोपी या ऐसी किसी भी चीज को पहनने से बाल झड़ते हैं या गंजापन आता है। दरअसल इस मिथक के पीछे लोगों का मानना यह है कि हेलमेट को पहनने से बालों की जड़ें सांस नहीं ले पाती हैं और फिर ऑक्सीजन की कमी के कारण बाल गिरने लगते हैं। जबकि हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ मानते हैं कि बालों की जड़ें ऑक्सीजन पाने के लिये बाहरी हवा पर निर्भर नहीं हैं बल्कि वे खुद के लिए ज़रूरी ऑक्सीजन की मात्रा शरीर के खून से ही प्राप्त कर लेते हैं। विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि ज्यादा टाइट हेलमेट पहनने से सिर में खून के प्रवाह की मात्रा भी प्रभावित हो सकती है, जिसके कारण बाल गिर सकते हैं। इसके अलावा बहुत ज्यादा गंदे हेलमेट या टोपी पहनने से भी बालों की जड़ों में इन्फेक्शन हो जाता है, जिससे बालों के झड़ने जैसी समस्याएं होने लगती हैं। हेयर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अपने हेलमेट या टोपी को पहनने से पहले अच्छे से साफ़ कर लें क्योंकि इनमे उपस्थित गंदगी आपके बालों के टूटने का कारण बन सकती है।