रेशमा पठान बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमन है, शोले फिल्म में भी कर चुकी हैं काम

मुंबई,रेशमा पठान भारतीय फिल्म जगत की पहली स्टंट वुमेन के तौर पर लोकप्रिय है। रेशमा ने फिल्म शोले में हेमा मालिनी की बॉडी डबल के तौर पर खतरनाक स्टंट किए थे। इसके अलावा उन्होंने श्रीदेवी, डिंपल कपाड़िया और मीनाक्षी शेषाद्री जैसी अदाकाराओं के लिए भी बॉडी डबल का काम किया। फिल्म इंडस्ट्री में लंबे वक्त तक काम करने वाली रेशमा का मानना है कि, “कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन सा वक्त चल रहा है। महिलाओं को हमेशा पुरुषों की बदनीयति का सामना करना पड़ा है।”
रेशमा ने महज 14 साल की उम्र में स्टंट वुमने का काम शुरू कर दिया था। उन्हें अपने परिवार को पालने के लिए यह रास्ता चुनना पड़ा था। उन्होंने कास्टिंग काउच को लेकर रेशमा ने कहा, “शारीरिक तौर पर हालांकि मैं मजबूत थी और किसी से भी मुकाबला कर सकती थी, लेकिन मुझे मेरा घर चलाना था।” रेशमा ने बताया कि चालाकी से वो इस तरह के प्रस्ताव से बच निकलती थी।
बॉलीवुड की पहली स्टंट वुमेन
रेशमा के मुताबिक़, “मैंने कोई समझौता नहीं किया। मैं उन्हें बताती थी कि देखिए मैं आपका सम्मान करती हूं, इसलिए प्लीज ऐसा कुछ भी मत करिए कि मेरी नजर में आपकी इज्जत गिर जाए और मेरे साथ कोई अपमानजनक हरकत मत कीजिए।”
रेशमा उस दौर की महिला हैं जब 1968 में ज्यादातर एक्शन सीन्स पुरुष ही किया करते थे। यहां तक कि अभिनेत्रियों के एक्शन सीन्स भी पुरुष ही महिलाओं जैसे कपड़े पहन कर किया करते थे।
जूनियर थी इसलिए काम नहीं मिला
रेशमा का कहना है कि यह उनकी गरीबी से लड़ने की ललक ही थी जिसने उनकी हिम्मत नहीं टूटने दी लेकिन पुरुष अधिकृत क्षेत्र में उनकी यह प्रवेश आसान नहीं था। तब काफी अड़चनें थीं, लैंगिक समानता को आज की तरह नहीं ट्रीट किया जाता था। यदि आपके सिर पर जूनियर आर्टिस्ट का ठप्पा लगा हुआ है तो वो आपको एक अभिनेत्री का रोल तो नहीं देने वाले हैं।”
दोहरा था मेरे लिए इंडस्ट्री का रवैया-
रेशमा ने कहा, “किसी लड़की में पास यदि एक अनदेखे रास्ते पर चलने की भूख नहीं है तो वह कुछ अनूठा कैसे कर पाएगी? मैंने एक जूनियर आर्टिस्ट के तौर पर काम शुरू किया था और उस दौर में हालात उतने फ्लेक्सिबल नहीं थे। मैं वाकई एक्टिंग करना चाहती थी लेकिन जो इकलौता जवाब मुझे मिलता था वो होता था- तुम स्टंट करो ना, तुम अभिनय कैसे करोगी? यही लोग मुझसे ये भी कहा करते थे कि तुम कितनी सुंदर हो। ये वही लोग हैं जो आज बिना किसी भेदभाव वाली इंडस्ट्री का जश्न मनाते हैं।

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