मुंबई, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने किसानों का 2 लाख रुपये तक का क़र्ज़ माफ करने का ऐलान किया है। इस दौरान विधानसभा के शीतकालीन सत्र में विपक्ष ने पूर्ण कर्जमाफी की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट किया। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के आखिरी दिन ऐलान करते हुए कहा, ‘किसानों का 2 लाख रुपये तक का लोन माफ कर दिया जाएगा। पैसों को सीधा किसानों के बैंक खातों में डाला जाएगा। यह स्कीम मार्च से शुरू की जाएगी।’
इसके बाद भाजपा ने विरोध शुरू कर दिया भाजपा सहित विपक्ष ने पूर्ण कर्ज माफी की मांग करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया। पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया कि उद्धव ठाकरे सरकार अपने वादे को पूरा नहीं कर रही है। इसके बाद वह भाजपा के अन्य नेताओं के साथ सदन से बाहर चले गए।
ठाकरे ने लोन माफ किए जाने की कट ऑफ डेट 30 सितंबर 2019 बताते हुए कहा, ‘लोन की अपर लिमिट 2 लाख रुपये रहेगी। यह योजना महात्मा ज्योतिराव फुले कर्जमाफी योजना के नाम से जानी जाएगी। इसके अलावा अपना कर्ज समय पर चुका देने वाले किसानों को स्पेशल स्कीम भी दी जाएगी।’ राज्य के वित्त मंत्री जयंत पाटिल ने जानकारी देते हुए बताया, ‘यह कर्जमाफी बिना किसी शर्त के रहेगी। मुख्यमंत्री कार्यालय की तरफ से इस संबंध में विस्तृत जानकारी जल्द ही जारी कर दी जाएगी।’
विपक्ष के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने शिवसेना की अगुवाई वाली सरकार पर पूर्ण कर्जमाफी के वादे को पूरा नहीं करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, ‘उद्धव सरकार ने बेमौसम बारिश की वजह से नुकसान झेलने वाले किसानों को प्रति हेक्टेअर 25 हजार रुपये की सहायता देने में नाकाम रही। सीएम बनने से पहले उद्धव खुद यह मांग उठाते रहे हैं।’