नई दिल्ली,आयुर्वेद में अंगूर को सेहत का खजाना बताया गया है। एक ताजा शोध से सामने आया है कि आप अवसाद से बचना चाहते हैं, तो अंगूर जरूर खाएं। यह मनोविकार भी कम करता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि भोजन में अंगूर को शामिल करने से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। दूसरी तरफ अंगूर रहित आहार का सेवन करने वालों को निराशा और हताशा जैसे विकारों के लिए चिकित्सकों के पास जाते रहते हैं। ऑनलाइन ‘नेचर कम्यूनिकेशंस’ में प्रकाशित शोध के नतीजे बताते हैं कि भोजन में अंगूर से मिलने वाले नैसर्गिक तत्वों से हताशा जैसे मनोविकार कम हो सकते हैं। मुख्य शोधकर्ता व न्यूयार्क के इकाह्न स्कूल ऑफ मेडिसिन में प्रोफेसर गियूलियो मारिया पसिनेत्ती ने कहा, ‘अंगूर रहित पोलीफिनॉल कम्पाउंड उत्तेजना से जुड़े कोशिकीय व आणविक मार्ग को निशाना बनाता है। लिहाजा इस संबंध में की गई नई खोज से निराशा और चिंताग्रस्त लोगों का इलाज संभव हो पाएगा। शोधकर्ता ने बताया कि अंगूर से तैयार बायोएक्टिव डायटरी पोलीफिनॉल तनाव प्रेरित निराशा की स्थिति से बाहर निकलने में मददगार व इस रोग के इलाज में प्रभावी हो सकता है। शोध में इसका उपयोग चूहे पर किया गया और नतीजा सकारात्मक आया। जाहिर है भोजन से जो पोषक तत्व हमारे शरीर को मिलता है। वह रोगों की रोकथाम के लिए ज्यादा कारगर होता है। अवसाद से बचने के अलावा भी अंगूर खाने के कई फायदे हैं। यह बता दें कि बाजार में आमतौर पर काले और हरे रंग के अंगूर मिलते हैं। अंगूर बड़े पैमाने पर उपयोग में लाया जाने वाला फल है। इसमें पाई जाने वाली कैलोरी, फाइबर और विटामिन सी, ई शरीर के लिए कई तरह से फायदेमंद है।