नई दिल्ली,नाइट शिफ्ट नौकरी करने वालों में डायबिटीज के साथ ही हृदय रोग का खतरा भी बढ़ जाता है। यह दावा किया गया है एक ताजा रिसर्च में। कोलोराडो-बोल्डर यूनिवर्सिटी के कुछ शोधकर्ताओं ने ऑफिस की टाइमिंग और मधुमेह में संबंध को दर्शाया है। शोधकर्ताओं का कहना है कि जो लोग ज्यादा नाइट शिफ्ट करते हैं उन्हें टाइप 2 मधुमेह होने का खतरा बढ़ जाता है। ये मधुमेह, खून में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने वाली प्रक्रिया को बिगाड़ देता है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस तरह के मधुमेह से आगे चलकर हार्ट की तकलीफ पैदा होने का खतरा भी बढ़ जाता है। इस शोध में कहा गया है जो लोग ऑफिस में अलग-अलग शिफ्ट में काम करते हैं, जिसमें ज्यादातर नाइट शिफ्ट होती है, उन लोगों में टाइप 2 डायबिटीज की संभावना 44 प्रतिशत ज्यादा होती है। इस शोध की मानें तो दिन की शिफ्ट के अलावा कोई अन्य समय पर ऑफिस जाना डायबिटीज को जन्म दे सकता है। विश्व स्वास्थ्य संस्थान का कहना है कि 1980 के बाद से डायबिटीज के मामले दोगुनी जेती से बढ़ रहे हैं। इसमें से ज्यादातर लोगों को टाइप 2 डायबिटीज है। हालांकि रिसर्च ये भी कहती है कि अगर आप हमेशा ही नाइट शिफ्ट करते आ रहे हैं जो ये खतरा नहीं है, लेकिन बदल-बदल कर शिफ्ट में काम करने से खतरा ज्यादा है। इस शोध में 2,70,000 लोगों को शामिल किया गया। इनमें से 70 हजार लोगों ने अपनी ऑफिस की पूरी जानकारी दी और 44000 ऐसे लोग थे जिनके जीन्स की जानकारी पहले से शोधकर्ताओं के पास थी।वैज्ञानिकों ने इस शोध के लिए लोगों की काम करने की आदत और उनके जीन्स के सैंपल दोनों का अध्ययन किया, जिसके बाद ये नतीजे आए।
रात की पारी में काम करने वाले लोगों में हृदय रोग का रहता है ज्यादा खतरा
