मप्र विधानसभा में हंगामा करने वाले विधायकों का वेतन-भत्ता रोकने की तैयारी

भोपाल, मध्य प्रदेश विधानसभा की कार्यवाही में बाधा पहुंचाने वाले माननीयों पर अब सख्ती की तैयारी है। हंगामा करने वाले विधायकों के वेतन-भत्ता रोकने की तैयारी की जा रही है। कार्यवाही के बीच हंगामा या शोर-शराबे की वजह से सदन में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा ही नहीं हो पाती है। ऐसे में अब सदन में हंगामा करने वाले विधायकों पर अब सख्ती बरतने की तैयारी की जा रही है। सदन में हंगामा और शोर-शराबे के कारण महत्वपूर्ण बैठकें समय से पहले ही खत्म हो जाती हैं। इसके मद्देनजर ही हंगामा रोकने की कवायद की जा रही है।
वचन पत्र में किया था वादा
विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने वचन पत्र में आमजनों से वादा किया था कि सदन में हंगामा करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी। सदन में हंगामा हुआ तो विधायकों को उस दिन का भत्ता नहीं मिलेगा। विधायकों के वेतन भत्ते एक लाख रुपए से अधिक हैं। सत्र के दौरान विधायकों को 1500 रुपए प्रतिदिन अलग से वेतन भत्ता भी मिलता है। वहीं विधानसभा की कार्यवाही में प्रतिदिन 40 लाख रुपए से ज्यादा का खर्च आता है। ऐसे में महत्वपूर्ण मुद्दों पर सदन में हंगामा होने पर महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा नहीं हो पाती है।
छत्तीसगढ़ में लागू है व्यवस्था
विधानसभा की कार्यवाही में हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की व्यवस्था छत्तीसगढ़ में लागू है। छत्तीसगढ़ में सदन में हंगामा करने पर माननीय के भत्ते में कटौती की जाती है। पिछली भाजपा सरकार में भी इस व्यवस्था को लागू करने चर्चा हुई थी। विधानसभा अध्यक्ष डॉ।सीताशरण शर्मा ने सदन की बैठकों के पहले सर्वदलीय बैठक शुरू करने की परंपरा शुरू की थी, ताकि सदन में उठाए जाने वाले विषयों पर चर्चा हो सके। लेकिन इसका असर कम ही दिखा और व्यवस्था सही तरीके से लागू नहीं सकी। अब विधानसभा सचिवालय ने दूसरे राज्यों से इस व्यवस्था के बारे में जानकारी मांगी है।

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