भोपाल, बीते दिनों राजधानी की क्राईम ब्रांच टीम पर अबैध रुप से वसूली करने के जमकर आरोप लगे थे। जिसकी शिकायत कांग्रेस मंत्री पीसी शर्मा सहित पुलिस के आला अधिकारियों तक भी पहुंची थी। इस पर अफसरों ने तो आरोपों के बाद भी पुलिसकर्मियों की कारतूतों पर पर्दा डालने की कोशिश की लेकिन अवैध वसूली की लत में पकड़े क्राईम ब्रांच के पुलिसकर्मियों ने आखिरकार विभाग पर कालिख पुतवा ही दी। जानकारी के मुताबिक लोकायुक्त ने क्राईम ब्रांच के तीन पुलिसकर्मियों को एक बदमाश से झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर पांच हजार की रकम लेते हुए रंगे हाथों दबोचा है। खबर लिखे जाने तक टीम की कार्यवाही जारी थी। वहीं प्राप्त जानकारी के मुताबिक जहांगीराबाद इलाके में रहने वाले खालिद कुरैशी का पुराना अपराधिक रिकार्ड है, और उसपर जुआ चलाने के भी आरोप है। उसे झूठे मामले में फंसाने की धमकी देकर क्राइम ब्रांच का प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह, अविनाश खत्री सहित एक अन्य पुलिसकर्मी द्वारा हजारों की रकम मांगी जा रही थी। बताया गया है कि खालिद ने पुलिसकर्मियों से रकम को किस्तों में देने का सौदा तय किया और इसकी शिकायत लोकायुक्त टीम से कर दी। शिकायत मिलने पर लोकायुक्त टीम ने शिकायत की जांच की जिसमें रिश्वत मांगने की शिकायत सहीं पाये जाने पर टीम ने उन्हें दबोचने के लिए जाल बिछाया और फरियादी से रकम की पहली किस्त देने की बात कराई। आरोपी पुलिकर्मियों ने उसे पहली किस्त के छह हजार रुपये लेकर ठंडी सड़क पर स्थित चिनार पार्क के पास बुलाया। इसके बाद वहां पहुंचे फरियादी से जैसे ही क्राईम ब्रांच के प्रधान आरक्षक महेंद्र सिंह ने रिश्वत की रकम अपने कब्जे में ली तभी वहां पहले से जाल बिछाकर बैठी लोकायुक्त की टीम ने रंगे हाथों दबोच लिया। आरोपी महेंद्र सिंह के साथ, पुलिसकर्मी अविनाश मेघ खत्री सहित एक अन्य पुलिसकर्मी भी रिश्वत की रकम लेने पहुंचा था, बताया जा रहा है कि यही तीनों खालिद को झूठे मामले में फंसाने के लिए धमका रहे थे। हैरानी वाली बात यह है कि लोकायुक्त टीम द्वारा पकड़ा गया अविनाश वहीं पुलिसकर्मी जो क्राईम ब्रांच में था, और वसूली के आरोपो को लेकर उसे क्राईम ब्रांच हटाकर बीते दिनों लाईन अटैच कर दिया था, इसके बाद भी वो धमकाकर वसूली कर रहा था।