MP में BJP अध्यक्षों के चयन में सांसदों-विधायकों को दे रही तवज्जो

भोपाल, प्रदेश भाजपा द्वारा इस बार मंडल अध्यक्षों के चयन में सांसदों-विधायकों की पसंद-नापसंद को पूरी तवज्जो दी गई है। भाजपा के 1013 मंडलों में अध्यक्षों की निर्वाचन प्रक्रिया कल लंबे समय तक चलती रही। सतना, जबलपुर, पन्ना, और दमोह जैसे जिलों में सहमति बनाने के लिए उच्च स्तर पर मशक्कत चलती रही। ऐसे मंडल जहां असहमति की स्थिति अथवा अधिक उम्र के मामले सामने आए, वहां चुनाव ‘होल्ड’ कर दिए गए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह का दावा है कि ज्यादातर जिलों में आम सहमति से चुनाव हुए। ज्यादा उम्र और विवाद के मामले कम ही रहे। प्रदेश चुनाव प्रभारी हेमंत खंडेलवाल का दावा है कि करीब 900 मंडलों में आम सहमति से चुनाव संपन्न हुए। खंडेलवाल एवं विजेश लूणावत देर रात तक सभी जिलों से पार्टी के नेताओं, निर्वाचन अधिकारी और पर्यवेक्षकों से लगातार फीडबैक लेते रहे। मंडल अध्यक्ष के लिए अधिकतम 40 साल उम्र की सीमा रखी गई है। चुनाव में प्राथमिकता 35 से 40 वर्ष रखी गई है, लेकिन आम सहमति इससे कम उम्र के दावेदार पर है तो भी किसी को आपत्ति नहीं है। 40 से अधिक उम्र के मामलों में जिला निर्वाचन अधिकारियों को पुन: रायशुमारी करने को कहा गया है।
प्रदेश भाजपा का दावा है कि भोपाल ग्रामीण, उज्जैन और इंदौर ग्रामीण सहित दतिया, दमोह, गुना, रीवा, सागर, उमरिया, जबलपुर, बालाघाट, सिंगरौली, सीधी, खंडवा, रतलाम और नीमच जिले के मंडलों में चुनाव शांति से संपन्न् हो गए। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष भी विवाद वाले मामलों में दोपहर बाद आम सहमति बनाने में सक्रिय दिखे। कुछ जिलों में असहमति के स्वर भी उभरे हैं। रविवार को दिनभर ज्यादातर जिलों में चुनाव की प्रक्रिया निपटाने की कवायद चलती रही। बताया जाता है कि दमोह जिले में एक नाम पर सहमति नहीं बन पा रही है। वहां पूर्व मंत्री जयंत मलैया और केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद प्रहलाद पटेल के समर्थकों में आम राय नहीं बन पा रही है। यही स्थिति सतना और पन्ना में भी बन रही है। प्रदेश अध्यक्ष के गृह जिले जबलपुर में भी देर रात तक आम राय बनाने की मशक्कत चलती रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *