नई दिल्ली, उच्चतम न्यायालय में जजों की नियुक्ति करने वाले कॉलेजियम में 13 साल बाद महिला जज का प्रवेश हुआ है। जस्टिस आर भानुमती सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की पांचवीं सदस्य बनाई गई हैं। मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई के सेवानिवृत्त होने के बाद जस्टिस भानुमती को कॉलेजियम में प्रवेश मिला है। जस्टिस भानुमती अगले वर्ष जुलाई में सेवानिवृत्त होने तक कॉलेजियम में रहेंगी। उनसे पहले, लंबे समय तक सर्वोच्च अदालत में सेवा देने वाले न्यायाधीशों में से एक जस्टिस रूमा पाल कॉलेजियम प्रणाली का 3 साल तक सदस्य रहीं। चार जून, 2006 को सेवानिवृत्त होने तक वह इसका हिस्सा रहीं। जस्टिस रूमा पाल को 28 जनवरी, 2000 को उच्चतम न्यायालय का न्यायधीश नियुक्त किया गया था। जस्टिस भानुमती सर्वोच्च अदालत के उन पांच वरिष्ठ न्यायाधीशों में से एक हैं, जो कॉलेजियम का हिस्सा हैं। उनके अलावा जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एनवी रमना व अरुण मिश्रा व आरएफ नरीमन कॉलेजियम का हिस्सा हैं। जस्टिस भानुमती का जन्म 20 जुलाई 1955 को तमिलनाडु में हुआ। उन्होंने तमिलनाडु हायर ज्यूडिशियल सेवा से अपनी शुरुआत की। उन्हें सीधे तौर पर 1988 में जिला न्यायाधीश नियुक्त किया गया।