लखनऊ, उत्तर प्रदेश की एक राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) स्वाति सिंह को धोखाधड़ी के डेढ़ सौ से ज्यादा मामलों में जांच का सामना कर रहे अंसल के लिए कथित तौर पर पैरवी करना और सीओ को धमकाना भारी पड़ गया है। शनिवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने वायरल ऑडियो को लेकर मंत्री स्वाति सिंह को तलब किया और सफाई मांगी। करीब 25 मिनट तक सीएम योगी और स्वाति सिंह की मुलाकात हुई। सूत्रों ने बताया कि सीएम योगी काफी नाराज थे। इसके अलावा डीजीपी से भी 24 घंटों के अंदर रिपोर्ट तलब की है। सूत्रों के मुताबिक, योगी ने कहा है कि किसी भी दागी या अपराधी की पैरवी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सीएम के निर्देश पर डीजीपी ओपी सिंह ने लखनऊ के एसएसपी से रिपोर्ट मांगी है।
ज्ञात हो कि मंत्री स्वाति सिंह और सीओ कैंट बीनू सिंह की बातचीत का एक कथित ऑडियो शुक्रवार को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ। ऑडियो में स्वाति सिंह सीओ को अंसल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए फटकार लगा रही हैं और आकर मिलने की हिदायत देते हुए सुनाई पड़ रही हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए लिखा, ‘साफ है कि मामला मंत्री तक सीमित नहीं है। मुख्यमंत्री भी अपराधियों का बचाव कर रहे हैं। मंत्री को बर्खास्त कर आदित्यनाथ जी की भूमिका की जांच होनी चाहिए। क्या होगा न्याय?’
उधर, ऑडियो क्लिप सामने आने के बाद स्वाति सिंह ने जहां सीओ पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है, वहीं सीओ ने इस संबंध में कुछ भी कहने इनकार कर दिया। स्वाति सिंह ने सीओ को धमकी देने के आरोपों को गलत बताया है। उनका कहना है कि सीओ खुद को डीजीपी का रिश्तेदार बताती हैं और गरीब-पीड़ितों की एफआईआर नहीं दर्ज करती हैं। जिस मामले में उन्हें पैसा मिल जाए, उसकी एफआईआर दर्ज कर लेती हैं। मैंने पहले भी इन्हें कई पीड़ितों के केस दर्ज करने के लिए कहा, पर उन्होंने नहीं दर्ज किए। मैंने खुद डीजीपी से उन्हें हटाने की सिफारिश की थी। इसके बाद सीओ ने बचने के लिए ऑडियो वायरल कर दिया। इन्हें जनप्रतिनिधि का ऑडियो वायरल करने का अधिकार किसने दे दिया? मैंने कभी कोई गलत सिफारिश नहीं की है।