मुंबई,खाद्य पदार्थो की कीमतों में भारी बढ़ोतरी होने के कारण देश में अक्टूबर के दौरान खुदरा महंगाई दर पिछले महीने से बढ़कर 4.62 फीसदी हो गई। देश की खुदरा महंगाई दर इस साल सितंबर में 3.99 फीसदी दर्ज की गई थी। अक्टूबर में फूड प्राइस की ग्रोथ 7.89 फीसदी रही। इसकी वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। खुदरा महंगाई दर अक्टूबर 2019 में बढ़ गई है। कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) अक्टूबर में बढ़कर 4.62 फीसदी हो गई है। यह आरबीआई के 4 फीसदी मीडियम टर्म टारगेट से ज्यादा हो गया है। मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के कारण यह तेजी आई है। खुदरा महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक मीडियम टर्म इनफ्लेशन टारगेट तय किया है। इसके तहत मार्च 2021 तक महंगाई दर की ग्रोथ को 4 फीसदी बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। अक्टूबर में फूड प्राइस की ग्रोथ 7.89 फीसदी रही। खाने-पीने की चीजों के दाम तीन साल में सबसे ज्यादा हो गए हैं। इसकी वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। सितंबर में महंगाई दर की ग्रोथ 3.99 फीसदी थी। पिछले साल जुलाई के बाद महंगाई दर सितंबर में सबसे ज्यादा थी लेकिन अब अक्टूबर में खुदरा महंगाई दर और बढ़ गई है।
अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिए आरबीआई लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है। अब अगर अक्टूबर में महंगाई दर बढ़ जाती है तो आरबीआई को अपनी पॉलिसी बदलनी होगी। इस साल अब तक आरबीआई रेपो रेट में 1.35 फीसदी कटौती कर चुका है। रेपो रेट अभी 5.15 फीसदी है। सितंबर में इंडिया के फैक्ट्री आउटपुट में 4.3 फीसदी की कमी आई है। इससे पहले अगस्त में भी फैक्ट्री आउटपुट घटा था। फैक्ट्री आउटपुट का यह सिरीज अप्रैल 2012 में लांच हुआ था, तब से लेकर अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है। एसबीआई ने भी अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपीकी ग्रोथ 4.2 फीसदी रह सकती है।