इंदौर, शहर में अवैध टेलीफोन एक्सजेंच का संचालन कर दूरसंचार विभाग को राजस्व की बडी हानि पहुंचाने के साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरे में डाला जा रहा था। आरोपी इंटरनेशनल कॉल को डोमेस्टिक कॉल में बदलकर देश की आंतरिक सुरक्षा को खतरे में डाल रहे थे। मध्य प्रदेश पुलिस के आतंक विरोधी दस्ता (एटीएस) ने दो आरोपियों को दबोचने में कामयाबी हासिल की है। पिछले एक वर्ष से दोनों आरोपियों द्वारा अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर दूरसंचार विभाग को राजस्व की बड़ी हानि पहुंचाई जा रही थी। अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक एटीएस राजेश गुप्ता ने बताया की एटीएस को सूचना मिली थी की महाराष्ट्र से फर्जी तरीके से खरीदे गए सिम कार्ड के जरिए इंदौर में इंटरनेशनल कॉल को डोमेस्टिक कॉल में बदलकर अवैध लाभ कमाया जा रहा है। साथ ही देश की आंतरिक सुरक्षा को भी खतरे में डाल जा रहा है।
सूचना पर इंदौर की एटीएस और साइबर क्राइम टीम ने संयुक्त कार्यवाही कर खातीवाला टैंक एवं जौहरी पैलेस इंदौर से संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ की। साथ ही इनके कब्जे से 10 सिम बॉक्स, लगभग 150 सिम कार्ड, लैपटॉप, कंप्यूटर हाई स्पीड इंटरनेट कनेक्शन मॉडम एवं अन्य तकनीकी उपकरण जब्त किए गए । अभी तक दो आरोपी मुफद्दल लोखंडवाला पिता नजमुद्दीन लोखंडवाला निवासी इंदौर एवं बुरहानुद्दीन महूवाला पिता सैफुद्दीन महूवाला निवासी इंदौर को गिरफ्तार कर पूछताछ की जा रही है। एटीएस अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक ने बताया की आरोपियों से की गई प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि इन आरोपियों द्वारा एक अवैध टेलीफोन एक्सचेंज संचालित कर दूरसंचार विभाग को पिछले एक साल में लगभग एक करोड़ 23 लाख रूपये का नुकसान पहुंचाया है। आरोपियों के खिलाफ थाना एटीएस/एसटीएफ भोपाल में भारतीय दंडविधान की विभिन्न धाराओं एवं इंडियन टेलीग्राफ एक्ट व भारतीय बेतार-तार अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज कर जांच में लिया गया है। इंदौर से गिरफ्तार किए गए इन आरोपियों से की गई पूछताछ में यह भी पता चला है कि इनका संपर्क खाड़ी देशों से भी है।