नई दिल्ली,70 साल पुराने राम जन्मभूमि विवाद मामले पर देश की शीर्ष अदालत शनिवार को ऐतिहासिक फैसला देने जा रहा है। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट में लगातार 40 दिन संवैधानिक बेंच बैठी और मैराथन सुनवाई के बाद 16 अक्टूबर को फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। शनिवार को छुट्टी के दिन सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच बैठेगी और कोर्ट नंबर-1 में सुबह 10:30 बजे फैसला सुनाएगी। इस दौरान मामले से जुड़े सभी पक्षकार भी उपस्थित रहेंगे। साथ ही पूरे देश में हाई अलर्ट घोषित किया गया है। साथ ही सोशल मीडिया पर पैनी नजर रखी जा रही है।
सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में सबसे लंबी सुनवाई केशवानंद भारती से सबंधित वाद में सुप्रीम कोर्ट में चली थी, तब 68 दिन सुनवाई चली थी। अबकी बार अयोध्या मामले को लेकर दूसरी सबसे लंबी सुनवाई हुई है। भारतीय राजनीति, धार्मिक और सामाजिक रूप से देखते हुए इस मामले को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
अयोध्या में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम
अयोध्या में सुरक्षा इंतजाम सख्त कर दिए गए हैं। इस बीच, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और डीजीपी को बुलाकर बंद कमरे में सुरक्षा की समीक्षा की। इसके बाद ही मामले का फैसला दिए जाने की बात सामने आई है। प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी ओपी सिंह और मुख्य सचिव राजेंद्र तिवारी से शुक्रवार को मुलाकात की। यह मुलाकात सुप्रीम कोर्ट में हुई। इस दौरान प्रधान न्यायाधीश ने अयोध्या पर फैसले के मद्देनजर सुरक्षा तैयारियां की समीक्षा की।
4 बड़े फैसलों पर देश की नजरें
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर को सेवा निवृत्त हो रहे हैं। गोगोई को अपने शेष कार्य दिनों में कुल चार बड़े फैसले सुनाना है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण फैसला रामजन्म भूमि का है, जो 70 वर्षों से अदालत में लंबित है।
अयोध्या में सील हो रहीं गलियां-सड़कें
फैसले को लेकर अयोध्या में भी सुरक्षा एजेंसियां और प्रशासन मुस्तैद हो गया है। अतिसंवेदनशील विवादित परिसर के पीछे मिश्रित आबादी वाले मोहल्लों की सड़कें-गलियां बल्लियों से सील कर दी गईं। हर चेकपोस्ट-बैरियर पर सघन तलाशी की जा रही है। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) ने सभी जोन कार्यालयों को भेजे सात पेज के परामर्श में प्लेटफॉर्म, स्टेशन, यार्ड, सुरंग, पुल, पार्किंग, वर्कशॉप की खास निगरानी करने को कहा है। आरपीएफ ने दिल्ली, महाराष्ट्र और यूपी सहित देश के 78 ऐसे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने को कहा है।
एक सोशल पोस्ट पहुंचा सकती है जेल
पुलिस और प्रशासन की टीम लगातार लोगों से संपर्क कर रही हैं। हर गतिविधि पर पुलिस की नजर है। अगर आपने कोई भी आपत्तिजनक पोस्ट या वीडियो सोशल मीडिया पर डाला तो पुलिस बिना वारंट के गिरफ्तार करेगी।
उत्तर प्रदेश में सीएम ने की समीक्षा, हाई अलर्ट
अयोध्या विवाद पर फैसले को लेकर पूरे देश में हाई अलर्ट है। मध्यप्रदेश में कुछ दिनों पहले से ही पुलिस और प्रशासन ने धारा 144 लगा रखी है। वहीं, उप्र की योगी सरकार से लेकर पूरा प्रशासनिक अमला हाई अलर्ट पर आ चुका है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सभी जिलों के जिलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों साथ सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की। वहीं, केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर कड़ी नजर रखने की एडवाइजरी जारी कर दी है।