मुंबई, महाराष्ट्र में सरकार बनने की सभी संभावनाएं धूमिल होती जा रही हैं. लंबे जद्दोजहद के बाद जब शिवसेना नहीं मानी तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया. उन्होंने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को इस्तीफा सौंपा. महाराष्ट्र विधानसभा के कार्यकाल का शुक्रवार को आखिरी दिन था. हालांकि अभी भी राज्य में सरकार बनाने को लेकर विकल्प खुले हुए हैं. माना जा रहा है कि फडणवीस ने इस्तीफा देकर शिवसेना पर दबाव बनाने की कोशिश की है. बता दें कि राज्य में अब लगभग सभी मुख्य दलों ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुलाकात कर ली है, लेकिन अभी तक किसी भी दल ने सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया है. उधर फडणवीस के इस्तीफे के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो गई है. ऐसे में राज्यपाल आगे क्या निर्णय लेते हैं, इस पर सबकी निगाहें रहेंगी. सवाल यह उठ रहा है कि क्या राज्यपाल के पास राष्ट्रपति शासन ही अंतिम विकल्प है या कोई और रास्ता भी शेष बचा है. इसके साथ ही क्या वो सरकार बनाने की कोशिशों के बीच इंतजार करेंगे या कोई और निर्णय ले सकते हैं? जानकारों की मानें तो चुनाव परिणाम के बाद भी कोई राजनीतिक दल सरकार बनाने का दावा पेश नहीं कर रहा हो तो राज्यपाल सभी दलों के नेताओं से मिल सकते हैं. वो अपने विवेक के अनुसार किसी भी पार्टी के विधानमंडल दल के नेता को सरकार बनाने के लिए आमंत्रित कर सकते हैं (आमतौर पर सबसे बड़ी पार्टी को ही सरकार गठन के लिए राज्यपाल आमंत्रित करते हैं). इसके बाद नई सरकार को बहुमत साबित करने के लिए वो 30 दिन तक का समय दे सकते हैं. राज्यपाल चाहें तो लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए और समय ले सकते हैं. ऐसे में वो देवेन्द्र फडणवीस को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाए रखते हुए नई सरकार के गठन का प्रयास कर सकते हैं. ऐसी स्थिति में कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पास प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार नहीं होंगे. हालांकि फडणवीस ने शुक्रवार को इस्तीफा दे दिया है. संविधान में विधानसभा का कार्यकाल तो पांच साल तय है लेकिन कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल की कोई सीमा नहीं है. हालांकि राज्यपाल इस विकल्प को चुनें इसकी उम्मीद कम है. गौरतलब हो कि विधानसभा चुनावों में बीजेपी को 105, शिवसेना को 56, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को 54 और कांग्रेस को 44 सीटें मिली हैं. इसके अलावा समाजवादी पार्टी को 2, एमआईएम को 2, एमएनएस व सीपीआई को एक-एक और अन्य को 23 सीटें मिली हैं. महाराष्ट्र विधानसभा में कुल 288 सीटें हैं और बहुमत के लिए 145 सदस्यों का समर्थन चाहिए. लेकिन, बहुमत की संख्या इस बात पर निर्भर करती है कि बहुमत साबित करते समय विधानसभा में कितने सदस्य मौजूद हैं.