मुंबई, महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव परिणाम के 13 दिन बाद भी राज्य में नई सरकार के गठन को लेकर असमंजस बरकरार है। भाजपा और शिवसेना में जहां सीएम पद को लेकर पेंच फंसा है, वहीं कांग्रेस-एनसीपी सावधानीपूर्वक अपनी चालें चल रहे हैं। प्रदेश भाजपा की कोर कमेटी की बुधवार की बैठक में तय हुआ कि मुख्यमंत्री का पद शिवसेना के साथ साझा नहीं किया जाएगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुनगंटीवार आज राज्यपाल से मुलाकात करेंगे। इस बीच शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने आज ही अपने निवास मातोश्री पर पार्टी विधायकों की बैठक बुलाई है। इसमें कोई अहम निर्णय लिया जा सकता है। सूत्रों के अनुसार, उद्धव एनसीपी-कांग्रेस के सहयोग से सरकार बनाने की संभावनाओं की लाभ-हानि पर विधायकों से चर्चा करना चाहते हैं।
एनसीपी नहीं खोल रही पत्ते
इस बीच सत्ता की एक चाबी अपने पास होने के बावजूद एनसीपी अपने पत्ते नहीं खोल रही है, जबकि कांग्रेस में आलाकमान के इनकार के बावजूद एक धड़ा चाहता है कि शिवसेना को समर्थन देकर उसकी सरकार बनवाई जाए। कांग्रेस नेता हुसैन दलवाई ने बुधवार को शिवसेना भवन में जाकर संजय राउत से मुलाकात की और बाहर आकर मीडिया से कहा कि अब भाजपा की सरकार किसी भी हाल में नहीं बनेगी। भाजपा से कहीं बेहतर शिवसेना है और भाजपा तथा शिवसेना के हिंदुत्व में भी फर्क है।
भाजपा ने कहा, राज्य के नेता ही सुलझाएं मामला
भाजपा आलाकमान राज्य में सत्ता की उलझन सुलझाने में कोई भूमिका निभाता नहीं दिख रहा है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में बैठे नेताओं ने राज्य भाजपा के नेताओं से कहा है कि वे शिवसेना से सत्ता के बंटवारे को अपने स्तर पर ही सुलझाएं लेकिन इतना साफ है कि शिवसेना को मुख्यमंत्री या उपमुख्यमंत्री की कुर्सी नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ही होंगे। अगर बात नहीं बनी तो अंत में अमित शाह की एंट्री होगी अथवा राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की जाएगी।
होटल में ठहरेंगे शिवसेना के विधायक
शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर सता रहा है। पार्टी विधायकों के साथ बैठक के बाद शिवसेना अपने विधायकों को फाइव स्टार होटल में ठहरा सकती है। विधायकों के टूटने का डर झेल रही शिवसेना ने बिना नाम लिये बीजेपी पर हमला बोला है। शिवसेना ने अपना मुख पत्र सामना में लिखा है कि कुछ लोग नए विधायकों से संपर्क कर थैली की भाषा बोल रहे हैं और ऐसी शिकायतें बढ़ रही है। शिवसेना ने कहा है कि पिछली सत्ता का उपयोग अगली सत्ता के लिए ‘थैलियां बांटने में हो रहा है पर किसानों के हाथ कोई दमड़ी भी रखने को तैयार नहीं है। इसीलिए महाराष्ट्र के किसानों को शिवसेना की सत्ता चाहिए। सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल करके यहां पर कोई राज नहीं कर सकता। इसके लिए शिवसेना वहां तलवार लेकर खड़ी है।