फिल्मों में भरपूर मनोरंजन के साथ उनका लोगों को संदेश भी है बेहद जरुरी – आयुष्मान

मुंबई,अपनी डेब्यू फिल्म ‘विकी डोनर’ से लेकर हाल ही में आई फिल्म ‘आर्टिकल 15’ तक, अभिनेता आयुष्मान खुराना लगातार दर्शकों का मनोरंजन करते हुए सामाजिक संदेश भी दे रहे हैं। इसके बाद अब आयुष्मान एक बार फिर अपनी अगली फिल्म ‘बाला’ से एक ऐसे मुद्दे को उठाने के लिए तैयार हैं, जो समाजिक रूप से प्रासंगिक तो है, लेकिन जिस पर कभी चर्चा नहीं हुई है। यह मुद्दा है पुरुषों में वक्त से पहले गंजापन। फिल्में और स्क्रिप्ट्स को चुनने की अपनी तकनीक के बारे में आयुष्मान बताते है, “‘आर्टिकल 15’ में असमानता पर एक बहस की शुरुआत करने से लेकर ‘ड्रीम गर्ल’ के माध्यम से समाज में जेंडर फ्लूडिटी को उजागर करना और अब ‘बाला’ के माध्यम से पुरुषों में वक्त से पहले गंजापन के विषय पर चर्चा करना, मैंने हमेशा से ऐसी फिल्में देने की उम्मीद की है, जो समाज और समुदायों के बीच चर्चा की शुरुआत करे। मेरे लिए, यही सिनेमा का सही अर्थ है।” उन्होंने आगे कहा, “लोगों का भरपूर मनोरंजन करने के साथ ही एक संदेश देना भी आवश्यक है। लोगों को सोचने पर मजबूर करने और एक विचार को साथ ले जाने की भी आवश्यकता है। मेरा सिनेमाई सफर हमेशा से ऐसा ही रहा है और आगे भी ऐसा ही रहेगा।”

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